दिल्ली। 1 दिसंबर 2025 को मानसून सत्र की प्रमुख घटनाओं और पिछले शीतकालीन सत्र की महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं। इस सत्र में कई राजनीतिक हलचलें और लंबी बहसें देखने को मिलीं।
21 जुलाई: जगदीप धनखड़ का इस्तीफा
21 जुलाई को राज्यसभा में अचानक ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश के 14वें उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया। 74 वर्षीय धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था। यह पहला मौका है जब किसी उपराष्ट्रपति ने बीच सत्र में इस्तीफा दिया। उनका यह फैसला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना।
22 जुलाई: बिहार SIR को लेकर विपक्ष का हंगामा
मानसून सत्र के दूसरे दिन, 22 जुलाई को लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष ने बिहार SIR को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। सांसदों ने सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह हंगामा किया। विरोध पूरे सत्र के दौरान जारी रहा, जिससे कई दिन की कार्यवाही प्रभावित हुई।
29 जुलाई: ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे लंबी बहस
29 जुलाई को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे से अधिक बहस हुई। पीएम मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी इसमें शामिल हुए। राहुल गांधी ने 36 मिनट की स्पीच में प्रधानमंत्री को चुनौती दी, जबकि पीएम मोदी ने 1 घंटा 40 मिनट की स्पीच में बताया कि ऑपरेशन के दौरान किसी भी देश ने भारत की सुरक्षा कार्रवाई को रोका नहीं। यह बहस सत्र की सबसे लंबी और विवादित चर्चा रही।
पिछला शीतकालीन सत्र
पिछला शीतकालीन सत्र 25 नवंबर 2024 से 20 दिसंबर 2024 तक चला। दोनों सदन में लगभग 105 घंटे कार्यवाही हुई। लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 57.87% और राज्यसभा में 41% रही। पूरे सत्र में कुल चार बिल पेश किए गए, लेकिन कोई पारित नहीं हुआ। इनमें सबसे चर्चित 129वां संविधान (संशोधन) बिल, एक देश–एक चुनाव के लिए पेश किया गया।
