मोहला। छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी जिले में दो चर्चों में कलीसिया स्थापना सभा और प्रार्थना सभा के आयोजन को लेकर रविवार को जमकर हंगामा हुआ। हिंदू संगठनों ने धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए इन कार्यक्रमों को बंद कराने की मांग की, जिसके बाद प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा।
मोनोनाइट चर्च और इंडियन क्रिश्चियन मिनिस्ट्री चर्च में चल रहे इन कार्यक्रमों में आदिवासी समुदाय के कई महिला-पुरुष भी शामिल हुए थे। जानकारी के मुताबिक, यह कार्यक्रम धर्मांतरण को बढ़ावा देने के आरोपों के कारण विवाद का कारण बने।
हिंदू संगठनों का विरोध
विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता इन कार्यक्रमों के विरोध में पहुंचे। उनका कहना था कि यह आयोजन आदिवासी समुदाय के भोले-भाले लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रलोभित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इस दौरान इन संगठनों ने कलीसिया स्थापना सभा के आयोजन को धर्मांतरण की कोशिश बताया और जमकर नारेबाजी की। हंगामे के बाद मोहला तहसीलदार दिनेश साहू और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचे। हिंदू संगठनों के लगभग दो घंटे के विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने कलीसिया सभा को बंद करवा दिया। ईसाई धर्मगुरुओं और सभा में शामिल लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला और उन्हें उनके गंतव्य की ओर भेजा गया।
अवैध धर्मांतरण की जांच करने का दिया आश्वासन
मोहला तहसीलदार ने कहा कि बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने धर्मांतरण और चर्च के अवैध संचालन को लेकर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी। विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष टेकराम भंडारी ने कहा कि वे आदिवासी समाज की संस्कृति और परंपराओं को बचाए रखने के लिए किसी भी प्रकार के अवैध धर्मांतरण को सहन नहीं करेंगे। मोहला क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में ईसाई समुदाय की गतिविधियाँ बढ़ी हैं। कई गांवों में चर्च बनाए गए हैं, जिससे हिंदू संगठनों में नाराजगी है। अब इस मामले को लेकर जिले में धर्मांतरण के खिलाफ आवाज़ उठने लगी है। यह घटना दिखाती है कि मोहला क्षेत्र में धर्मांतरण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है, और हिंदू संगठन इसे लेकर प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
देखे प्रदर्शनकारियों का वीडियो