भिलाई। छत्तीसगढ़ के भिलाई में भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) से जुड़े निजीकरण और रिटेंशन स्कीम के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। बीएसपी प्रबंधन द्वारा मैत्रीबाग समेत अन्य संस्थानों के निजीकरण के फैसले के विरोध में भिलाई विधायक देवेंद्र यादव दो दिवसीय सत्याग्रह अनशन पर बैठे हैं। शनिवार सुबह से शुरू हुआ यह अनशन रविवार को अपने अंतिम दिन में प्रवेश कर गया है। विधायक ने सिविक सेंटर में लगाए गए पंडाल में पूरी रात बिताई और अन्न त्याग कर विरोध दर्ज कराया।
देवेंद्र यादव ने कहा कि बीएसपी प्रबंधन के “तुगलकी फरमान” के खिलाफ यह आंदोलन केवल कर्मचारियों का नहीं, बल्कि पूरे भिलाई शहर और उसके भविष्य की लड़ाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीएसपी प्रबंधन रिटेंशन स्कीम खत्म करने, सेक्टर-9 अस्पताल और मैत्रीबाग जैसे सार्वजनिक उपयोग के संस्थानों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रहा है। इससे न सिर्फ कर्मचारियों बल्कि आम नागरिकों पर भी सीधा असर पड़ेगा।
अनशन स्थल पर विधायक के समर्थन में बड़ी संख्या में शहरवासी, कांग्रेस पदाधिकारी, पूर्व विधायक, महापौर, पूर्व महापौर, पार्षद और विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि पहुंचे। देवेंद्र यादव ने कहा कि बीएसपी की ट्रेड यूनियन के साथ-साथ सामाजिक, धार्मिक और शैक्षणिक संगठनों का समर्थन इस बात का संकेत है कि जनता इन फैसलों से नाराज है।
उन्होंने प्रदेश की “डबल इंजन सरकार” पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सरकार और बीएसपी प्रबंधन कर्मचारियों और स्थानीय निवासियों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। विधायक का आरोप है कि कर्मचारियों, अधिकारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों के अधिकारों की लगातार अनदेखी हो रही है, न्यूनतम वेतन जैसी बुनियादी मांगें भी पूरी नहीं की जा रहीं। देवेंद्र यादव ने साफ कहा कि वे भिलाई की बसाहट और लोगों के घरों को छिनने नहीं देंगे और जब तक इन मुद्दों पर ठोस बातचीत और समाधान नहीं होता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
