चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को अपना 72वां जन्मदिन मनाया। इस अवसर पर उन्होंने संकल्प लिया कि वह हिंदी भाषा को थोपने का विरोध करेंगे। स्टालिन ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के नाम पर ट्राई लैंग्वेज पॉलिसी लागू कर रही है, जबकि असल में यह पॉलिसी गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी थोपने की साजिश है।
उन्होंने पंजाब और तेलंगाना की सराहना की, जिन्होंने अपने स्कूलों में पंजाबी और तेलुगु को अनिवार्य किया है। स्टालिन का कहना था कि इन राज्यों ने केंद्र सरकार के इस झूठ को उजागर किया है कि नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत ट्राई लैंग्वेज पॉलिसी क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए लागू की जा रही है। सीएम स्टालिन ने कहा, कि
“इस जन्मदिन पर मैं संकल्प लेता हूं कि प्रमुख भाषाओं को थोपने से रोकने और तमिल भाषा को बचाने के लिए संघर्ष जारी रखूंगा।”
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से शुभकामनाएं
सीएम स्टालिन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और अन्य नेताओं ने जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, “तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन को जन्मदिन की शुभकामनाएं। ईश्वर उन्हें लंबी और स्वस्थ जिंदगी दे।”
भा.ज.पा. का बैठक बहिष्कार
तमिलनाडु भाजपा ने 5 मार्च को स्टालिन द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया है। बैठक में तमिलनाडु पर परिसीमन प्रक्रिया के संभावित प्रभाव पर चर्चा होनी थी। भाजपा के राज्य अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कहा कि यह एक काल्पनिक और निराधार डर फैलाया गया है, इसलिए भाजपा इसमें भाग नहीं लेगी।