बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सतनामी समाज के गुरु और राज्य के कैबिनेट मंत्री गुरु खुशवंत साहेब के खिलाफ व्हाट्सएप ग्रुप में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोपी जीवन देवांगन को अग्रिम जमानत प्रदान की है। यह आदेश चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की सिंगल बेंच ने सुनाया।
मामला खैरागढ़ जिले से जुड़ा है। 20 नवंबर 2025 को जिला सतनामी समाज खैरागढ़ ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि 13 नवंबर 2025 के आसपास जीवन देवांगन ने भाजपा मंडल ठेलकाडीह के एक व्हाट्सएप ग्रुप में संदेश पोस्ट किया था। इस संदेश में दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के विवाद के दौरान गुरु खुशवंत साहेब के लिए आपत्तिजनक शब्द ‘गुरु घंटाल’ का प्रयोग किया गया। शिकायत में कहा गया कि इस टिप्पणी से समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची और यह अभद्र तथा अपमानजनक थी। बाद में आरोपी ने संदेश को ग्रुप से डिलीट कर दिया।
इस प्रकरण में पुलिस ने बीएनएस की धारा 299 के तहत एफआईआर दर्ज की। आरोपी की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ पाण्डेय ने अदालत में तर्क दिया कि जीवन देवांगन निर्दोष है और उसे झूठे आरोप में फंसाया गया। उन्होंने कहा कि संदेश किसी धार्मिक प्रथा या देवता से संबंधित नहीं था बल्कि व्यक्तिगत और प्रशासनिक विवाद का हिस्सा था। इसके अलावा, आरोपी के खिलाफ पूर्व में दर्ज दो आपराधिक मामलों का निपटारा हो चुका है और वर्तमान मामले में जांच व ट्रायल लंबा चल सकता है।
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान ट्रायल में लगने वाले समय और आरोपी के पक्ष में सभी तथ्यों का संज्ञान लेते हुए जीवन देवांगन को अग्रिम जमानत प्रदान की। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जमानत केवल अग्रिम प्रकृति की है और मामले की जांच व ट्रायल पूर्ण होने तक आरोपी इस जमानत पर रहेगा।
यह आदेश सामाजिक और राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले में न्यायपालिका की संतुलित भूमिका को दर्शाता है, जिसमें आरोपी के अधिकार और विधिक प्रक्रिया दोनों को ध्यान में रखा गया है।
