जम्मू। जम्मू-कश्मीर के पूंछ जिले के मेंढार क्षेत्र के कालाबान गांव में भूमि विस्थापन (लैंड ड्रिफ्ट) के कारण भारी भूस्खलन हुआ। इस हादसे में 25 से अधिक आवासीय संरचनाएं पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं, जबकि लगभग 10-12 अन्य घर भी नुकसान में आए।
मंत्री जावेद अहमद राणा ने प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और स्थानीय प्रशासन को प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री प्रदान करने के निर्देश दिए। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि भूस्खलन से पूरे क्षेत्र में घरों को नुकसान हुआ है, आधे से अधिक गांव प्रभावित हैं और स्थिति असुरक्षित है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस कठिन समय में लोगों के साथ खड़ी है।
मेनढार के उप-प्रमुख मजिस्ट्रेट (SDM) इमरान राशिद कटारिया ने बताया कि भूस्खलन के कारण लगभग 30 संरचनाएं पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भूमि विस्थापन की गतिविधियां अभी भी जारी हैं और सभी एजेंसियां नुकसान रोकने के लिए मैदान में सक्रिय हैं।
इस बीच, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उधमपुर के थार्ड गांव का दौरा किया और राष्ट्रीय राजमार्ग 44 (NH-44) पर चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। इस राष्ट्रीय राजमार्ग को हाल की भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलनों के चलते आठ दिन तक बंद रखा गया था। उपराज्यपाल ने प्रभावित परिवारों से मिलकर उनकी स्थिति का भी हाल जाना।
कहरी गांव (बंतालाब क्षेत्र, जम्मू) के निवासियों ने भी बताया कि लगातार बारिश से 15-20 घर क्षतिग्रस्त या ध्वस्त हो गए हैं। जमीन में गहरी दरारें आने से कई घर असुरक्षित हो गए हैं, और ग्रामीण अस्थायी तंबुओं में रहने को मजबूर हैं। स्थानीय प्रशासन ने चेताया कि भू-स्थिरता असुरक्षित बनी हुई है और भारी बारिश होने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट होने की सलाह दी जा रही है।