शराब घोटाला केस में बड़ी कार्रवाई: ED ने सौम्या चौरसिया को लिया हिरासत में, बुधवार को कोर्ट में पेशी

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव रही सौम्या चौरसिया को हिरासत कर लिया है। ईडी ने उन्हें मंगलवार सुबह पूछताछ के लिए रायपुर बुलाया था, जहां दिनभर चली पूछताछ के बाद शाम को गिरफ्तारी की गई। ईडी बुधवार को सौम्या चौरसिया को स्पेशल कोर्ट में पेश करेगी।

सूत्रों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े अहम सबूत सामने आने के बाद ईडी ने यह कदम उठाया है। इससे पहले 30 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने कोल लेवी और डीएमएफ घोटाला मामले में सौम्या चौरसिया समेत 6 आरोपियों को सशर्त जमानत दी थी। जमानत मिलने के बाद सभी आरोपी रायपुर सेंट्रल जेल से रिहा हुए थे, जिनमें निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू और समीर बिश्नोई भी शामिल थे।

सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच, जिसमें जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता शामिल थे, ने जमानत देते समय आरोपियों के छत्तीसगढ़ में रहने पर रोक लगाई थी। कोर्ट ने निर्देश दिया था कि आरोपी जिस भी स्थान पर निवास करेंगे, उसका पता संबंधित थाने को देना होगा। जानकारी के अनुसार जमानत के बाद सौम्या चौरसिया बेंगलुरु में रह रही थीं। वह दिसंबर 2022 से करीब दो साल तक जेल में बंद रही थीं।

ईडी छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच कर रही है, जिसमें करीब 3200 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले का आरोप है। ईडी के अनुसार तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के कथित सिंडिकेट के जरिए इस घोटाले को अंजाम दिया गया।

जांच एजेंसी का दावा है कि शराब घोटाले को तीन श्रेणियों—A, B और C—में बांटकर अंजाम दिया गया। इसमें डिस्टलरी संचालकों से कमीशन वसूली, नकली होलोग्राम वाली शराब की सरकारी दुकानों से बिक्री और डिस्टलरी सप्लाई एरिया में हेरफेर कर अवैध धन उगाही शामिल है। ईडी और एसीबी की जांच में अब तक कई राजनेताओं, अफसरों और कारोबारियों की भूमिका सामने आ चुकी है।

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