रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा को इस घोटाले से करीब 64 करोड़ रुपए की अवैध कमाई हुई।
उन्होंने बेटे के नाम पर 1.4 करोड़ रुपए और खुद के लिए 2.24 करोड़ रुपए से आलीशान मकान बनवाया। इसके अलावा बहू, बेटियों और कई करीबियों के नाम पर लगभग 18 करोड़ रुपए का निवेश भी किया गया।
यह घोटाला 2019 में आबकारी नीति-2017 में बदलाव के बाद शुरू हुआ, जो खुद लखमा ने किया था। इस बदलाव से सीधे तौर पर उन्हें और उनके सहयोगियों को लाभ पहुंचा। लखमा ने इस काम के लिए तत्कालीन आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और शराब कारोबारी अनवर ढेबर के साथ मिलकर एक सिंडीकेट बनाया। इस सिंडीकेट को संचालित करने के लिए अरुणपति त्रिपाठी, जो इंडियन टेलीकॉम सर्विस के अधिकारी हैं, को प्रतिनियुक्ति पर आबकारी विभाग में लाया गया। इसके बाद घोटाले की पूरी योजना अमल में लाई गई।