रायपुर। छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ACB-EOW ने 6 अक्टूबर तक कस्टोडियल रिमांड पर लिया है। इसी कड़ी में दीपेन चावड़ा को 29 सितंबर तक रिमांड पर रखा गया है। बुधवार को चैतन्य बघेल को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। जेल से पुलिसकर्मी उन्हें कोर्ट लेकर पहुंचे, जहां EOW ने प्रोडक्शन वारंट दाखिल किया था। इससे पहले हाईकोर्ट ने चैतन्य की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
चैतन्य बघेल पर आरोप है कि शराब घोटाले की रकम से उन्हें 16.70 करोड़ रुपए मिले और इस ब्लैक मनी को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश किया गया। ED के अनुसार, उन्होंने फर्जी निवेश दिखाकर पैसे को वाइट करने का प्रयास किया और सिंडिकेट के साथ मिलकर लगभग 1000 करोड़ रुपए की हेराफेरी की। चैतन्य के विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट (बघेल डेवलपर्स) में वास्तविक खर्च 13-15 करोड़ था, जबकि रिकॉर्ड में केवल 7.14 करोड़ दिखाए गए। इसके अलावा, कंपनी ने एक ठेकेदार को 4.2 करोड़ कैश पेमेंट की, जो रिकॉर्ड में नहीं था।
ED ने यह भी पाया कि त्रिलोक सिंह ढिल्लो ने 19 फ्लैट खरीदने के लिए 5 करोड़ रुपए चैतन्य की कंपनियों को ट्रांसफर किए, जो फर्जी तरीके से कर्मचारियों के नाम पर खरीदे गए। इसके अलावा, भिलाई के एक ज्वेलर्स ने चैतन्य को 5 करोड़ रुपए उधार दिए, जिसे बाद में 6 प्लॉट की खरीद के रूप में फर्जी तरीके से ट्रांसफर किया गया।
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी और रिमांड प्रक्रिया के दौरान पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी कोर्ट पहुंचे थे। ED की जांच और स्पेशल कोर्ट की सुनवाई जारी है। हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है, और रिमांड खत्म होने के बाद चैतन्य को पुनः रायपुर स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। इस मामले में ब्लैक मनी को लीगल दिखाने के कई प्रयास और फर्जी लेन-देन सामने आए हैं, जिससे चैतन्य बघेल पर मनी लॉन्ड्रिंग और घोटाले के गंभीर आरोप लगे हैं।