रायपुर। रायपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष को लेकर विवाद मंगलवार को निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया। कांग्रेस के कुल आठ पार्षदों में से पांच ने संगठन की राय दरकिनार कर संदीप साहू का समर्थन किया। इस निर्णय के बाद निगम में आकाश तिवारी के बजाय संदीप साहू ही प्रतिपक्ष के नेता बने रहेंगे।
सभापति सूर्यकांत राठौड़ ने बताया कि उन्होंने सभी पार्षदों से व्यक्तिगत राय लेकर लिखित अभिमत लिया। बैठक में पार्षदों ने स्पष्ट किया कि संगठन के पत्र में उनकी सहमति का उल्लेख है, लेकिन आकाश तिवारी के नाम पर कोई सहमति नहीं दी गई। संदीप साहू ने कहा कि पांच पार्षदों ने उन्हें नेता प्रतिपक्ष माना है, और अब आगे का निर्णय सभापति पर निर्भर करेगा।
पार्षदों ने बताया कि आकाश तिवारी को नगर निगम चुनाव में पार्टी टिकट नहीं दिया गया था। इसके बावजूद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा, इसलिए पांचों पार्षद संगठन के निर्देश के खिलाफ जाकर उन्हें नेता प्रतिपक्ष नहीं मानते।
बैठक में शामिल रहे: महामाया मंदिर वार्ड पार्षद जयश्री नायक, सरदार वल्लभभाई पटेल वार्ड पार्षद दीप मनीराम साहू, शहीद मनमोहन सिंह बख्शी वार्ड पार्षद रोनिता प्रकाश जगत, वीर सावरकर नगर वार्ड पार्षद संदीप साहू और लाल बहादुर वार्ड पार्षद रेणु जयंत साहू। सभी ने कहा कि वे पहले भी संगठन को इस्तीफा सौंप चुके थे और अब भी अपने निर्णय पर अडिग हैं।
सभापति ने कहा कि विवाद की शुरुआत कांग्रेस पार्टी ने की थी। पहले संदीप साहू को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया, बाद में जिला और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पत्र आए जिनमें आकाश तिवारी का नाम था। पांच पार्षदों ने पहले इस्तीफा दिया और बाद में वापस ले लिया।
वर्तमान में नगर निगम में आठ कांग्रेस पार्षद हैं। पांच पार्षदों के समर्थन के आधार पर, और अन्य पार्षदों की अनुपस्थिति में, नेता प्रतिपक्ष संदीप साहू ही बने रहेंगे। सभापति ने कहा कि दूसरे नाम की घोषणा या किसी निर्णय से पहले वे सभी जानकारों से चर्चा करेंगे।