नई दिल्ली। हाल ही में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नाम सुर्खियों में आया है, जब सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के एक शख्स को रेप के मामले में जमानत दी। इस शख्स पर आरोप था कि उसने जेल में बंद गैंगस्टर बिश्नोई का नाम लेकर एक महिला को धमकाया था। आरोपी ने अपनी जमानत याचिका में व्हाट्सएप चैट और महिला और पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के बीच के कॉल रिकॉर्ड को पेश किया था, ताकि यह साबित कर सके कि उसके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं।
यह मामला तब सामने आया जब आरोपी ने बिश्नोई के नाम का इस्तेमाल कर महिला को डराया और धमकी दी, जिससे महिला ने शिकायत की। अदालत ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जमानत देने का निर्णय लिया, लेकिन जांच और कार्रवाई जारी है।
रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी ने दावा किया कि वह शिकायतकर्ता के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में था, लेकिन बाद में महिला पुलिस अधिकारी के साथ रिश्ते में आ गई। आरोपी ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारी ने अपनी ताकत का दुरुपयोग किया और उसे रेप और महिला को धमकी देने के आरोप में फंसा दिया। कोर्ट में दायर याचिका में आरोपी के वकील ने यह भी कहा कि महिला ने पुलिस अधिकारी के निर्देश पर शिकायत दर्ज कराई थी।
आरोपी के वकील, आरके ग्रेवाल ने कोर्ट में यह दावा किया कि “इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मेरी मुवक्किल ने लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर महिला को धमकाया। उसने पुलिस अधिकारी के प्रभाव में आकर उसे फंसाने के लिए झूठी कहानी गढ़ी।” इस तरह के दावों के साथ आरोपी ने अपनी निर्दोषता की दलील पेश की, और अब कोर्ट इस मामले की जांच कर रही है।