कोरबा। कुसमुंडा क्षेत्र के 1 गांव में विस्थापित होने के बाद प्रबंधन के द्वारा नौकरी नहीं देने से नाराज होकर युवक ने आत्महत्या का प्रयास किया। पीड़ित का उपचार कोरबा के जिला अस्पताल में चल रहा है। ताजा मामला कुसमुंडा क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, जहां पर बर कोटा गांव के विस्थापित प्रशांत शुक्ला ने कंपनी की वादाखिलाफी से तंग आकर युवक ने खुदकुशी की। बताया जा रहा है कि युवक ने फिनाइल पी लिया। जिसके बाद उसे उल्टी होने लगी। तत्काल उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसके पिता राजीव शुक्ला ने बताया कि नौकरी नहीं मिलने से वह परेशान था।
बताया गया कि बर कोटा गांव में उनकी 1 एकड़ 54 डिसमिल जमीन थी जो एसईसीएल ने अपनी खदान के लिए 10 से 12 वर्ष पहले अधिग्रहित की थी। मुआवजा देने के साथ एक आश्रित को नौकरी दिए जाने के अंतर्गत उसके पुत्र ने नामांकन किया था। लगभग 12 साल बीतने के बाद भी नौकरी का अता-पता नहीं है। भविष्य को लेकर वह काफी परेशान था।
युवक के पिता का आरोप है कि पात्र व्यक्ति को नौकरी देने के मामले में ऐसे अधिकारी लगातार आश्वासन दे रहे हैं लेकिन काम नहीं कर रहे हैं। फिनाइल का सेवन करने वाले युवक का उपचार जिला अस्पताल में जा रही। अस्पताल से मेमो मिलने के आधार पर अगली कार्रवाई की जा रही है। जिला अस्पताल चौकी के ऐड कॉन्स्टेबल ने बताया कि युवक ने लिख कर मामले के बारे में जानकारी दी है और नौकरी नहीं मिलने से परेशानी होने की बात कही है।