‘कांग्रेस नेताओं ने लोगों को किया भड़काने का काम’..जानिए बलौदाबाजार हिंसा पर भाजपा के तीन मंत्रियों ने क्या कहा…?

रायपुर। राजधानी से सटे बलौदाबाजार जिले में बीते सोमवार को सतनामी समाज का उग्र रुप देखने को मिला। समाज के लोगों ने जैतखाम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कलेक्ट्रेट व एसपी कार्यालय पहुंचे थे, लेकिन उसी वक्त समाज के लोगों की भीड़ ने रौंद्र रुप धारण कर लिया। कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर रखी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। घंटों तक जमकर उत्पात मचाया गया। कलेक्ट्रेट के बाहर धारा 144 लागू कर दी गई। सुरक्षाबलों की टीम ने कलेक्ट्रेट को घेर लिया। जैसे जैसे सूचना प्रदेश में फैली..चारों तरफ सभी के लब्ज पर एक ही बात बलौदाबाजार हिंसा की थी.सत्ता पक्ष और विपक्षी नेताओं के बयान भी सामने आने लगे। पुलिस ने हिंसा और आगजनी के आरोप में 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है. वहीं, पुलिस उनसे पूछताछ भी कर रही है. पूरी घटना में 25 से ज्यादा पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं. हिंसात्मक प्रदर्शन से पहले प्रदर्शनकारियों ने सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए थे. मौके पर 7-8 हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारी मौजूद थे. डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट पहुंचकर तोड़फोड़ और आगजनी घटना का जायजा लिया..उन्होंने कलेक्टर और एसपी से घटना की जानकारी ली थी..पूरे परिसर में हुई आगजनी, जिला पंचायत, कुटुंब न्यायालय और जनपद पंचायत कार्यालय सहित शहर का भी मुआयना कर नुकसानों का जायजा लिया..

भाजपा के तीन मंत्रियों ने ली प्रेस कांफ्रेंस

वहीं बलौदा बाजार में सोमवार को हुई हिंसा को लेकर भाजपा के तीन मंत्रियों ने आज प्रेस कांफ्रेंस की. प्रेस कांफ्रेंस में मंत्री दयालदास बघेल, टंकराम वर्मा और श्यामबिहारी जायसवाल शामिल हुए थे…मंत्री बघेल ने कांग्रेस के विधायक देवेंद्र यादव, कांग्रेस विधायक कविता प्राण लहरे और पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार पर समाज को भड़काने का आरोप लगाया..उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने समाज को भड़काने का काम किया है… मंत्री दयालदास बघेल ने प्रेसवार्ता में सवाल पूछते हुए कहा कि सतनामी समाज के कार्यक्रम में यादव का क्या काम है ? कार्यक्रम में देवेंद्र यादव बैठे थे उनका क्या रोल है..भाजपा ने पूर्व मंत्री और विधायकों के फोटो भी जारी कि ए हैं.मंत्री बघेल ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने लोगों को भड़काने का काम किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने 15 हजार प्रदर्शनकारियों के लिए भोजन की व्यवस्था की थी. मंत्री बघेल ने कहा कि सतनामी समाज के कार्यक्रम में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव क्यों आए?. कांग्रेस पार्टी ने षड्यंत्र रचने का काम किया. मंत्री बघेल ने कहा कि अपनी हार को नहीं पचा पाने के करना कांग्रेस ने घटना को अंजाम दिया.

सीएम विष्णुदेव साय ने कहा- बाबा गुरू घासीदास ने दिखाया शांति और सद्भाव का मार्ग

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बलौदाबाजार जिले की घटना के संबंध में सतनामी समाज के प्रमुखों से कहा है कि बाबा गुरू घासीदास का संदेश समाज में शांति और सद्भाव का रहा है। आप सबकी भी जिम्मेदारी है कि समाज भ्रमित न हो और शांति स्थापित करने की दिशा में साथ मिलकर आगे बढ़े। सतनामी समाज प्रमुखों ने कहा कि समाज के सभी लोग घटना से आहत हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने प्रदर्शन के दौरान हिंसा और तोड़फोड़ की कार्रवाई की है, वे असामाजिक तत्व थे और हमारे प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं थे। शांति और सौहार्द्र स्थापित करने के लिए हम सब दृढ़संकल्पित है। गौरतलब है कि सतनामी समाज के राज्यभर से आए प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्यमंत्री साय से आज यहां उनके निवास कार्यालय में मुलाकात की और बलौदाबाजार जिले में हुई घटना के संबंध में शांति और सौहार्द्रपूर्ण वातावरण बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण चर्चा की और एक बार फिर शांति स्थापित करने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प दोहराया।

जानिए क्या है पूरा मामला

यह प्रर्दशन बीते दिनों गिरौदपुरी के महकोनी गांव में संत अमरदास की तपोभूमि के जैतखाम को काटे जाने की सीबीआई जांच की मांग को लेकर हो रहा था. इसी के विरोध में सोमवार को बड़ी संख्या में सतनामी समाज के लोग बलौदा बाजार पहुंचे थे, जहां उन्होंने कलेक्ट्रेट का घेराव किया और जमकर विरोध प्रदर्शन किया. सोमवार को छत्तीसगढ़ सतनामी समाज के लोग बलौदा बाजार के दशहरा मैदान में इकट्ठा हुए थे. प्रदर्शनकारियों की संख्या 7 से 8 हजार थी जो कि प्रदेशभर से आकर वहां इकट्ठा हुए थे. बाद में प्रदर्शन में शामिल प्रमुख लोगों को गार्डन चौक पर ज्ञापन देने की सलाह दी गई, लेकिन उन्होंने इस सलाह को खारिज कर दिया. विरोध करने आई भीड़ रैली के रूप में नारे लगाते हुए आगे बढ़ी. इसके बाद पूरी रैली नेतृत्वहीन होकर योजनाबद्ध तरीके से नारे लगाते हुए आगे बढ़ रही थी…उन्हें रोकने के लिए बड़ा बैरिकेड भी लगाया गया था…ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की की, उन्हें लाठियों से पीटा और गंभीर रूप से घायल कर दिया और बैरिकेड तोड़ दिया. वहां से प्रदर्शन कारी पथराव करते हुए आगे बढ़े. उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर में खड़ी करीब 100 सरकारी व निजी मोटरसाइकिलों व 30 से अधिक चारपहिया वाहनों में तोड़फोड़ कर आग लगा दी.

दंगाइयों ने पुलिस कार्यालय के संयुक्त कार्यालय भवन में भी आग लगा दी, जिससे पुलिस कार्यालय के रिकार्ड जल गये. संयुक्त कार्यालय भवन में आग लगाने के बाद तहसील कार्यालय में खड़ी गाड़ियों और शहर की मुख्य सड़क पर बने डिवाइडर को तोड़-फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया. शहर की निगरानी के लिए शहर की सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिये गये.

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