रायपुर। गुजरात के केवड़िया स्थित एकता नगर में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती वर्ष पर आयोजित भारत पर्व में इस बार छत्तीसगढ़ का रंग छाया हुआ है।
राज्य की समृद्ध संस्कृति, पारंपरिक व्यंजन और हस्तकला यहां आने वाले हर आगंतुक के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने सोमवार को भारत पर्व का अवलोकन किया तथा छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के स्टॉल का निरीक्षण किया। उन्होंने राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों और योजनाओं की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री साय ने कहा— “छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता, परंपराएं और लोककला पूरे भारत में अपनी अनोखी पहचान रखती हैं। राज्य अब देश के उभरते हुए पर्यटन केंद्र के रूप में तेजी से आगे बढ़ रहा है।”
भारत पर्व में छत्तीसगढ़ के व्यंजनों की महक ने आगंतुकों का मन मोह लिया। मुख्यमंत्री ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, रायपुर की छात्राओं द्वारा तैयार पारंपरिक व्यंजन — अमारी का शरबत, करील कबाब, चौसेला रोटी, बफौरी और फरा का स्वाद लिया और उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि ये छात्राएं छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर की संवाहक हैं, जो अपनी प्रतिभा से राज्य का गौरव बढ़ा रही हैं।
इस दौरान मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, पर्यटन मंडल के प्रबंध संचालक विवेक आचार्य और जीएम वेदव्रत सिरमौर भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने अंबिकापुर के बुनकरों से मुलाकात कर उनके कोसा वस्त्रों की खरीदारी की और सांस्कृतिक दल को प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा— “छत्तीसगढ़ की कला, वेशभूषा और लोकनृत्य हमारी पहचान का अभिन्न हिस्सा हैं। इन्हें राष्ट्रीय मंच पर सशक्त रूप से प्रस्तुत करना हमारा लक्ष्य है।” भारत पर्व में छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति, हस्तशिल्प और खानपान की जीवंत प्रस्तुति देख हर आगंतुक राज्य की विविधता और सादगी से प्रभावित हो रहा है।
