कोलकाता। कोलकाता विश्वविद्यालय और कोलकाता स्थित प्रजनन चिकित्सा संस्थान (IRM) के एक संयुक्त अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि लैपटॉप को लंबे समय तक गोद में रखने और मोबाइल को पैंट की जेब में रखने से पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर गंभीर असर पड़ सकता है। अध्ययन में दावा किया गया है कि इससे पुरुषों में नपुंसकता का खतरा बढ़ जाता है।
शोध में यह पाया गया कि ऐसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उच्च तीव्रता का विद्युत-चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करते हैं, जिससे अंडकोषों में स्थित नाजुक ऊतकों को नुकसान पहुंचता है। यह गर्मी शुक्राणु-उत्पादक कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त कर देती है, जिससे शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या में कमी आती है।
अध्ययन विशेष रूप से 20 से 40 वर्ष के पुरुषों पर केंद्रित रहा, जिनमें कुछ मामलों में अज्ञात कारणों से एजोस्पर्मिया (शुक्राणु अनुपस्थिति) और ओलिगोजोस्पर्मिया (कम संख्या) देखी गई। शोध में 1,200 पुरुषों को शामिल किया गया, जिनमें आनुवांशिक रोगों को छोड़कर शुद्ध प्रजनन समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया गया।
प्रो. सुजय घोष के नेतृत्व में यह अध्ययन 2019 से शुरू हुआ और पांच वर्षों तक चला। उन्होंने सलाह दी कि पुरुषों को मोबाइल और लैपटॉप का सीमित और विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए ताकि भविष्य में प्रजनन संबंधी समस्याओं से बचा जा सके।