संजू गुप्ता @कवर्धा। जिले में स्थित ऐतिहासिक पुरातात्विक और धार्मिक महत्व का स्थल भोरमदेव मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा दान में दी गई रजत से साढ़े 23 किलो वजन से निर्मित चांदी के आवरण से शिवलिंग को ढका गया, साथ ही मध्य प्रदेश उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की तर्ज पर अब भोरमदेव मंदिर में भगवान महादेव के आरती और दिव्य श्रृंगार का लाइव दर्शन आमजन कर सकेंगे, इसकी भी व्यवस्था आज से कर दी गई है
कबीरधाम जिले में स्थित प्राचीन धार्मिक स्थल जिसे छत्तीसगढ़ का खजुराहो के नाम से जानने वाला धार्मिक स्थल भोरमदेव स्थित है और यहां की धार्मिक प्रसिद्धता के चलते दूर-दूर से श्रद्धालु लगातार यहां पहुंचते हैं। भगवान महादेव के पूजा जलाभिषेक करते हैं। लगातार जलाभिषेक और चावल व अन्य पूजन सामग्री के छिड़काव से भोरमदेव में स्थित शिवलिंग में धीरे-धीरे क्षरण होने लगा। जिला प्रशासन के द्वारा लगातार शिवलिंग को क्षरण से बचाने का प्रयास किया जाता रहा है। इसी कड़ी में आज बसंत पंचमी के अवसर पर भोरमदेव मंदिर में स्थित शिवलिंग को क्षरण से बचाने साढ़े 23 किलो वजन से तैयार की गई चांदी का आवरण से शिवलिंग को ढका गया है।
आपको बता दें कि जो चांदी का आवरण तैयार किया गया है वह आम जनों द्वारा दान में दी गई थी। वही इसे बनाने के लिए आए खर्च को भोरमदेव मंदिर समिति ने वहन किया है और आज बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर जिला प्रशासन और मंदिर समिति और श्रद्धालुओं की मौजूदगी में इस चांदी के आवरण से शिवलिंग को ढका गया है। साथ ही आज से अब भोरमदेव मंदिर में होने वाले सुबह और शाम की आरती और श्रृंगार का दिव्य दर्शन आमजन भी ऑनलाइन कर सकेंगे। इसकी भी शुरुआत आज से हो गई है।