कश्मीर से कन्याकुमारी राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा

दंतेश्वर कुमार@गीदम। हमारे विचार ही हमें सुखी और दुखी बनाते हैं।विचारों से ही हम सुख और दुःख का अनुभव करते हैं। योगी ही उपयोगी होता है, जो सबके हित का चिंतन करता है, दुःखियों के दुख को कम करता है। जीवन जीने में ही जीवन बीत न जाये, जीवन की सार्थकता तो सेवा में है।  

उक्त उद्गार स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक सुपूज्य संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने संकल्प यात्रा के क्रम में गीदम के जावंगा एजुकेशन हब  में आयोजित जय स्वर्वेद कथा एवं ध्यान साधना सत्र में उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं के मध्य व्यक्त किये।

संत प्रवर श्री ने कहा कि  कोई व्यक्ति अयोग्य नहीं। अच्छाइयां – बुराइयां सबके भीतर है। हमे दुर्बलताओं,  कठिनाइयों से घबराना नहीं है। उन कठिनाइयों को दूर करने की जो प्रेरणा, जो शक्ति, जो सामर्थ्य है वह अध्यात्म के आलोक से, स्वर्वेद के स्वर से एक साधक को अवश्य ही प्राप्त होता है। 

दिव्यवाणी के दौरान श्रद्धालुओं को संदेश दिया कि विहंगम योग के प्रणेता अमर हिमालय योग अनन्त श्री सद्गुरु सदाफलदेव जी महाराज ने अपनी गहन साधना द्वारा ईश्वर से योग की प्राप्ति की एवं इस अतिदुर्लभ विज्ञान को स्वर्वेद नामक अद्वितीय आध्यात्मिक सद्ग्रंथ द्वारा जनमानस को सुलभ कर दिया। स्वर्वेद हमारी आध्यात्मिक यात्रा को सदैव जागृत रखता है।

कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक श्रीमती देवती कर्मा पूरे टीम के साथ संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज का आशीर्वाद लिया पश्चात 25000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के निमित्त संकल्प भी लीं,  साथ ही लोगों में विहंगम योग की अद्भुत ज्ञान की धारा को प्रेरित करने की बात कही। संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को विहंगम योग के क्रियात्मक  योग साधना को सिखाया। यह साधना खुद से खुद की दूरी मिटाने के लिए है।

संत प्रवर विज्ञानदेव जी महाराज की दिव्यवाणी जय स्वर्वेद कथा के रूप में लगभग 2 घंटे तक प्रवाहित हुई ।  स्वर्वेद के दोहों की संगीतमय प्रस्तुति से सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे। दिव्यवाणी के पश्चात मुख्य आगंतुकों को संत प्रवर जी के हाथों विहंगम योग का प्रधान सद्ग्रन्थ स्वर्वेद भेंट किया गया। 

आयोजकों ने बताया कि विहंगम योग सन्त समाज के शताब्दी समारम्भ महोत्सव एवं 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के निमित्त संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज 17 जुलाई को संकल्प यात्रा का शुभारंभ कश्मीर की धरती से हो चुका है। संकल्प यात्रा के प्रथम चरण में कश्मीर , जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड , उड़ीसा के पश्चात छत्तीसगढ़ के रामानुजगंज, अम्बिकापुर, बिलासपुर, नवापारा, सरायपाली, बालोद , धमतरीहोते हुए  आज रायपुर में पहुँच चुकी है।

   17 एवं 18दिसंबर 2023 को विशालतम ध्यान – साधना केंद्र (मेडिटेशन सेंटर) स्वर्वेद महामंदिर, वाराणसी के पावन परिसर में 25000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ होना है। उसी क्रम में यह संकल्प यात्रा हो रही है जिससे अधिक से अधिक लोगों को पूरे भारत वर्ष में लाभ मिले। 

इस शताब्दी समारम्भ महोत्सव में विहंगम योग के प्रणेता अनंत श्री सदगुरू सदाफल देव जी महाराज की 135 फिट से भी ऊंची प्रतिमा (Statue of Spirituality) का भी शिलान्यास होगा।

इस अवसर पर भक्तों ने भव्य विहंगम शोभायात्रा निकाली। अनुयायियों ने अपनी लोक संस्कृति अनुसार संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज का स्वागत अभिनंदन किया। हजारों लोगों ने हाथ मे अ अंकित श्वेत ध्वजा लिए सदगुरुदेव का जयघोष करते हुए, हम सबका संकल्प महान ! स्वर्वेद महामन्दिर निर्माण !! का संकल्प दोहराते हुए कार्यक्रम स्थल पहुँचे। 

इस अवसर पर सुश्री लता उसेंडी जी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष(भाजपा) , बबन सिंह ( निदेशक), कोटेश्वर चापड़ी उपाध्यक्ष, सुश्री श्याम कुमारी उसेंडी , सत्येंद्र स्वर्वेदी, दिनेश सिंह, जाधव राम साहू, जंगम कन्ना, योगेश्वरानंद नेताम, महेश चापड़ी, वीरेंद्र निषाद, उपेश पाण्डेय, प्रशांत यदु, लल्लू प्रसाद गुप्ता, महेश्वरानंद नेताम, ताजी राम, आदि लोगों के साथ हजारों की संख्या में जिज्ञासु,शिष्य, साधक उपस्थित हुए।

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