रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले एक महीने से हड़ताल पर बैठे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के 16 हजार संविदा कर्मचारियों को अब झारखंड से समर्थन मिला है। झारखंड चिकित्साकर्मी संघ ने मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा को पत्र लिखकर इस मामले में केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की है।
पत्र में संघ ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के एनएचएम कर्मचारी 18 अगस्त 2025 से अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि राज्य सरकार ने कई बार आश्वासन दिया, लेकिन अब तक उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं हुआ। उल्टा सरकार ने संघ के प्रमुख पदाधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया और चेतावनी दी कि अगर 16 सितंबर तक ड्यूटी पर नहीं लौटे तो नए कर्मचारियों की भर्ती कर दी जाएगी।
संघ ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि हड़ताल कर रहे कर्मचारियों की जायज मांगों को दबाने की बजाय सरकार को संविदा स्वास्थ्यकर्मियों के भविष्य की सुरक्षा और स्थायीकरण पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया कि छत्तीसगढ़ एनएचएम कर्मचारी संघ लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर शासन का ध्यान आकर्षित करता रहा है, लेकिन आवश्यक कदम नहीं उठाए गए। इस स्थिति में केंद्र को व्यक्तिगत पहल कर राज्य सरकार को दिशा-निर्देश देने की जरूरत है।
झारखंड चिकित्साकर्मी संघ ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो झारखंड के एनएचएम और जेएसएसीएस कर्मचारी भी आंदोलन में शामिल होने के लिए मजबूर होंगे। यह समर्थन छत्तीसगढ़ आंदोलन को और व्यापक बना सकता है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं पहले से प्रभावित हैं, ऐसे में यह विवाद केंद्र और राज्य सरकार दोनों के लिए चुनौती बन गया है।