गोपाल शर्मा@जांजगीर। छत्तीसगढ़ जांजगीर-चांपा जिले के एक छोटे से ग्राम पंचायत पनगांव की तस्वीर है,, जहां आजादी के 78 साल गुजर जाने के बाद भी इस गांव को पक्की सड़क नसीब नहीं हुआ जिसके चलते गांव के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, ऐसा नहीं है कि गांव के लोग अपने इन समस्याओं को लेकर जिले की जिम्मेदार अधिकारियों और नेताओं को अवगत नहीं कराए है, सभी को बार-बार अवगत कराने के बावजूद भी इस गांव को अब तक पक्की सड़क नहीं मिल पाया है, आखिरकार इस खौफनाक मंजर का कौन है जिम्मेदार…?
एक तरफ तो सत्ता पर बैठी सरकार डिजिटल इंडिया की बात करती हैं तो दूसरी तरफ इस सरकार के कार्यकाल में आज गांव के लोग पक्की सड़क के लिए मोहताज बनकर रह गए हैं ऐसे देश कैसे कहलाएगा डिजिटल इंडिया..?
अधिकारी आते हैं आश्वासन देते हैं,, नेता आते हैं बड़े बड़े दावे करके चले जाते हैं मगर जमीनी हकीकत तो यह है इन अधिकारियों और नेताओ के दावे केवल कागजों पर ही सिमट कर रह जाते हैं जमीनी स्तर पर तो आज भी लोग इस कच्ची सड़कों पर चलकर जाते हैं…