हेमंत पटेल@जांजगीर. (Janjgir news) केएसके महानदी पावर प्लांट और बर्खास्त भु विस्थापित श्रमिकों के बीच एक साल से चल रही नौकरी विवाद को लेकर आयोत्रित त्रिपक्षीय वार्ता विफल रही। पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में भु विस्थापितों को प्रबंधन ने पेंशन से अधिक कुछ नही देने की फैसला लिया है. जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के बीच हुए इस बैठक में भी कुछ निर्णय नहीं निकलने से व्यथित होकर एक मजदूर ने श्रम पदाधिकारी के कार्यालय अंदर कीटनाशक दवा पी ली। जिसे आनन फानन में उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
भू विस्थापित मजदूर राम नाथ केंवट ने श्रम पदाधिकारी के कार्यालय अंदर पहुंच कर अधिकारी से सामने कीट नाशक दवा पी ली। मजदूर के जहर पीने की घटना की सूचना मिलने मजदूरों ने मिल कर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया. पुलिस के आला अधिकारी फिर से श्रम पदाधिकारी कार्यालय पहुंचे. मामले की जांच प्रारंभ कर दी।
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(Janjgir news)इस मालमे में प्लांट प्रबंधन ने बर्खास्त भू विस्थापितों को रिटायर मेंट स्कीम के तहत पेशन देने की बात कही. जिस पर मजदूरों ने इस अपने साथ अन्याय बताया।
(Janjgir news)त्रि पक्षीय वार्ता विफल होने से मजदूरों में भारी आक्रोश देखा गया. एक मजदूर ने अपने परिवार के साथ 17 अगस्त को आत्मदाह करने की चेतावनी देते हुए आक्रोश व्यक्त किया। नरियरा में केएसके महानदी पावर प्लांट के स्थापना के साथ ही प्रबंधन और मजदूरों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है।
प्रबंधन ने 20 भू विस्थापितों को नौकरी से हटा दिया है और मजदूर अपने अधिकारी की मांग को लेकर आंदोलन और विरोध प्रदर्शन के बाद मंत्री और मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगा चुके हैं.