रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ग्रीष्मकाल में प्रदेश के प्रत्येक नागरिक तक सुरक्षित पेयजल की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जल संकट से निपटने के लिए सभी विभागों के बीच समन्वय जरूरी है और जल संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री साय ने मंत्रालय में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जल संसाधन विभाग की बैठक में कहा कि पेयजल की उपलब्धता राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने जल संकट से निपटने के लिए जल संरक्षण उपायों जैसे रिचार्ज पिट, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग और सौर ऊर्जा आधारित पंपों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे केवल कार्यालयों तक सीमित न रहें, बल्कि खुद फील्ड में जाकर पेयजल समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करें। इसके लिए 15 दिन के भीतर विशेष अभियान चलाकर हैंडपंपों और सार्वजनिक नलों की मरम्मत की जाए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जल स्रोतों की रक्षा केवल प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज की सामूहिक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने अमृत सरोवरों को जल प्रबंधन के मॉडल के रूप में विकसित करने की आवश्यकता जताई। इसके अलावा, उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं को जल संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अरुण साव, मुख्य सचिव अमिताभ जैन और अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।