राजधानी पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय फर्जी पासपोर्ट रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसमें 42 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 13 बांग्लादेशी नागरिक शामिल हैं। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि उसने इस वर्ष कई फर्जी पासपोर्ट रैकेट्स का पर्दाफाश किया है। गिरफ्तार आरोपियों में 23 लोग एजेंट के रूप में काम कर रहे थे, जबकि अन्य यात्रियों के रूप में पकड़े गए थे।
पुलिस के अनुसार, इन फर्जी पासपोर्ट रैकेट्स के जरिए विदेशी नागरिकों को भारत में प्रवेश करने या विदेश यात्रा करने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए जा रहे थे। यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस द्वारा एक बड़ी जांच का हिस्सा है, जिसमें अपराधियों को पकड़ने के लिए कई ठिकानों पर छापे मारे गए थे। पुलिस ने मामले की और जांच जारी रखी है।
दिल्ली पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय फर्जी पासपोर्ट रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए बताया कि इस रैकेट का नेटवर्क पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दिल्ली और अन्य कई राज्यों में फैला हुआ था। इस नेटवर्क में बांग्लादेशी नागरिकों के लिए नकली भारतीय दस्तावेज़ तैयार करने का काम किया जा रहा था। उदाहरण के तौर पर, मार्च में एक बांग्लादेशी नागरिक के पास जाली भारतीय पासपोर्ट मिला, जो यूएई से लौटने के दौरान पकड़ा गया था। इस मामले में जांच में बांग्लादेशी नागरिकों के लिए फर्जी दस्तावेज बनाने वाले एक सिंडिकेट का पता चला और चार एजेंटों को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही 21 नकली पासपोर्ट भी बरामद किए गए थे।
अक्टूबर में, हांगकांग से लौटने वाले दो बांग्लादेशी नागरिकों के पास भी नकली पासपोर्ट पाए गए, जिसके बाद महाराष्ट्र में एक दस्तावेज़ निर्माण नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ। इस मामले में दो एजेंटों को गिरफ्तार किया गया। इसी तरह, जुलाई में एक और बांग्लादेशी नागरिक को कुवैत जाने के लिए जाली पासपोर्ट के साथ पकड़ा गया था, और इस मामले में भी महाराष्ट्र में एक एजेंट की गिरफ्तारी हुई थी।