अंतर्राज्यीय फॉरेस्ट समन्वय बैठक, मानव-हाथी संघर्ष और वन अपराधों पर बनी रणनीति

बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में अंतर्राज्यीय फॉरेस्ट समन्वय बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक में छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और झारखंड के वन विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य सीमावर्ती जंगलों में वन्यजीव गतिविधियों, मानव-हाथी द्वंद्व, और वन अपराधों से संबंधित मुद्दों पर साझा रणनीति तैयार करना था।

बैठक में अधिकारियों ने लगातार बढ़ रहे मानव-हाथी संघर्ष, अवैध लकड़ी तस्करी, और वन्यजीवों की सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं पर गहन विचार-विमर्श किया। सभी राज्यों के अधिकारियों ने इस बात पर सहमति जताई कि सीमावर्ती क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई और सूचना साझा करने के लिए एक सशक्त समन्वय प्रणाली विकसित की जाएगी। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में जन-जागरूकता अभियान और वन्यजीव सुरक्षा के उपायों को बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।

बैठक में बलरामपुर डीएफओ आलोक बाजपेई, झारखंड गढ़वा डीएफओ अंशुमन राजहंस, मध्यप्रदेश की हर्षिती मिश्रा, एविन अब्राहम और उत्तर प्रदेश सोनभद्र की आरएफओ उषा देवी सहित अन्य उपवनमंडल अधिकारी और रेंजर उपस्थित रहे। अधिकारियों ने बैठक को सफल और उपयोगी बताते हुए कहा कि ऐसी समन्वय बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जानी चाहिए, ताकि क्षेत्रीय वन प्रबंधन और वन्यजीव संरक्षण को और अधिक प्रभावशाली बनाया जा सके।

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