ओडिशा ट्रेन हादसा: डिसऑर्डर के शिकार हो रहे घायल… विशेषज्ञों की टीम काउंसिलिंग करने में जुटी

भुवनेश्वर। ओडिशा ट्रेन हादसे में जीवित बचे लोगों में पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर देखने को मिल रहा है. इन मरीजों का डॉक्टर इलाज कर रहे हैं और विशेषज्ञों की टीम काउंसिलिंग करने में जुटी है. डॉक्टर्स का कहना है कि हादसे में घायल हुए लोगों में कोई घबरा रहा है. कोई साधे चुप्पी रहता है. किसी के सपने में भयावह मंजर आ रहा है.बता दें कि ट्रिपल ट्रेन हादसे में 288 यात्रियों की जान गई है. जबकि 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.

40 में पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर

कटक के SCB मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती 105 मरीजों में से करीब 40 में पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) देखा जा रहा है. इन सभी मरीजों की काउंसिलिंग शुरू कर दी गई है. परिजनों की मौजूदगी में विशेषज्ञ मरीजों के डर को दूर भगा रहे हैं. शनिवार को डॉक्टरों ने इस बारे में जानकारी दी है.

जिंदा बचे लोगों के दिमाग पर गंभीर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक

महापात्रा ने बताया कि इस तरह की दुर्घटना की वजह से जिंदा बचे लोगों के दिमाग पर गंभीर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है.उन्होंने कहा, कई गंभीर रूप से तनावग्रस्त, भयभीत, कभी-कभी घबराए हुए देखे जा रहे हैं. कुछ घायलों को एकदम चुप पाया जा रहा है. हम उनकी काउंसलिंग कर रहे हैं और उनके परिवार के सदस्यों के साथ बात कर रहे हैं. डॉ महापात्रा ने कहा कि अस्पताल ने बचे लोगों की काउंसलिंग के लिए चार टीमों का गठन किया है.

Exit mobile version