भारत में 2028 तक उड़ान भरेगी स्वदेशी एयर टैक्सी, कहीं से भी उड़ान और लैंडिंग संभव

दिल्ली। भारत में 2028 तक इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी उड़ान भरने लगेगी। मोहाली स्थित स्टार्टअप नलवा एयरो ने देश की पहली स्वदेशी ईवीटॉल (इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग) एयर टैक्सी विकसित की है।

DGCA ने इसे डिजाइन ऑर्गेनाइजेशन अप्रूवल (DOA) सर्टिफिकेट भी प्रदान किया है। कंपनी के सीईओ कुलजीत सिंह संधू के अनुसार, इसका विचार कोविड काल में इमरजेंसी मेडिकल इवैक्युएशन के दौरान आया था। इसका डिजाइन चरण पूरा हो चुका है और प्रोटोटाइप अगले माह तैयार होगा।

यह एयर टैक्सी दिल्ली-एनसीआर में पहले लॉन्च होगी, जहां आईजीआई एयरपोर्ट से आनंद विहार तक की दूरी जो सड़क मार्ग से एक से तीन घंटे में तय होती है, उसे यह 10-12 मिनट में पूरी करेगी। किराया लगभग 500 रुपये प्रति व्यक्ति रहने का अनुमान है। बाद में मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु में भी यह सेवा शुरू होगी।

ईवीटॉल में 8 रोटर सिस्टम हैं, जिनमें दो फेल होने पर भी विमान सुरक्षित रहता है। यह हेलिकॉप्टर से 10 गुना शांत और 90% सस्ती होगी। एक घंटे का परिचालन खर्च हेलिकॉप्टर की तुलना में बेहद कम रहेगा। कंपनी इसके दो मॉडल बना रही है—लिथियम आयन बैटरी आधारित (300 किमी रेंज) और हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित (800 किमी रेंज)।

एयर टैक्सी, मेडिकल एम्बुलेंस, कार्गो और डिफेंस सर्विलांस जैसे संस्करण भी तैयार किए जा रहे हैं। यह “जीरो कार्बन” तकनीक पर आधारित होगी और 60% तकनीक घरेलू रूप से विकसित की गई है। भविष्य में ऑटोनॉमस यानी बिना पायलट उड़ानें भी संभव होंगी।

सरकार हर 50 किमी पर 1000 हेलीपैड विकसित कर रही है, जिन्हें वर्टिपोर्ट के रूप में बदला जा सकेगा। मेट्रो स्टेशनों या ऊंची इमारतों की छतों पर भी इसकी लैंडिंग संभव होगी। यह प्रोजेक्ट “मेक इन इंडिया” मिशन के तहत भारत की भविष्य की हवाई गतिशीलता में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।

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