विदेश यात्रा पर जमकर पैसा उड़ा रहे हैं भारतीय, 5 सालों में 3.5 गुना बढ़ा खर्च

नई दिल्ली। भारतीय, विदेश यात्रा पर पहले से ज्यादा खर्च कर रहे हैं और खूब पैसा उड़ा रहे हैं. पिछले पांच सालों में भारतीयों ने विदेश यात्रा पर होने वाला खर्च 3.5 गुना बढ़ा दिया है. यह बात भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों में कही गई है. इसमें कहा गया है कि लाखों भारतीय अब पहले से कहीं अधिक संख्या में विदेश यात्रा करने का विकल्प चुन रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीयों ने आरबीआई की लिब्रेलाइज्ड रिमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत विदेश यात्रा के लिए 2023-24 में कुल 17 अरब डॉलर (1,41,800 करोड़ रुपये) निकाले.

यह पिछले वर्ष के 13.66 अरब डॉलर की तुलना में 24.4 प्रतिशत अधिक है. यात्रा भारत से बाहर भेजने का प्राथमिक स्रोत बनकर उभरी है जो वित्त वर्ष 2024 में कुल बाहर भेजने का 53.6 प्रतिशत है. जबकि 2013-14 में यह केवल 1.5 प्रतिशत और 2018-19 में 35 प्रतिशत था. पांच साल पहले 2018-19 में यह औसतन सिर्फ 400 मिलियन डॉलर (करीब 3,300 करोड़ रुपये) प्रति माह था. विदेश यात्रा के लिए मध्यम वर्ग के लोगों की संख्या बढ़ी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी के बाद यात्रा प्रतिबंध हटाए जाने से विदेश यात्रा की प्रवृत्ति ने तेजी पकड़ी है.

भारतीयों ने विदेश भेजी अधिक धनराशि
विदेश यात्रा ज्यादा करने के साथ ही भारतीयों ने विदेश में अधिक धनराशि भेजी है. भारतीय निवासियों ने विदेशों में रहने वाले परिवार के भरण-पोषण और बच्चों की शिक्षा जैसे उद्देश्यों के लिए भी अधिक धनराशि विदेश भेजी. कुल मिलाकर एलआरएस नियम के तहत कुल बाहरी धन प्रेषण ने 2023-24 में 31.73 बिलियन डॉलर का एक और नया उच्च स्तर स्थापित किया. जबकि पिछले वर्ष यह 27.14 बिलियन डॉलर था जो कि इस साल 16.91% की वृद्धि दर्शाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि विदेश में छुट्टियां मनाने और रिश्तेदारों के रहने-खाने की लागत मे भारतीयों ने ज्यादा खर्च किया है. यह उनके खर्च का प्रमुख घटक है. लेकिन पिछले एक दशक में विदेशों में उपहार और दान की हिस्सेदारी में काफी कमी आई है. यह जीवनशैली में बदलाव का संकेत है.

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