रवि तिवारी@ देवभोग। (illness struck) 12 साल से शरीर को एक ही तरीके से रखकर तकलीफ के बीच रात गुजारने को मजबूर है खजूरपदर के निवासी कोमल नेताम। करवट लेना भी चाहे लेकिन शरीर की नसों ने काम करना बंद कर दिया है जिसके चलते वे करवट भी नहीं ले सकते। स्थिति यह है कि पलंग को ऊँचा कर किसी तरह पीठ के भरोशे सीधा होकर कोमल सोने को मजबूर है। 12 साल पहले शुरू हुई नस की तकलीफ ने अब बड़ा रूप ले लिया है,आज स्थिति ये है कि कोमल के शरीर के जॉइंट वाले हिस्से की पृरी नसें अकड़ चुकी है। वहीं नसे अकड़ने से कोमल झुककर चलने को मजबूर है। वहीं शरीर के जॉइंट वाले भाग सिर,घुटना और हाथ हिलता भी नहीं है। स्थिति यह है कि उन्हें खाना खाने के साथ ही अन्य कार्यों के लिए पत्नी पर निर्भर रहना पड़ता हैं।
जेवर बेचकर करवाया पति का इलाज
(illness struck) पीड़ित कोमल नेताम की पत्नी मेनका बाई नेताम बताती हैं कि शादी के दौरान उन्हें पति के घर के साथ ही माँ के घर से जो सोना मिला था। उस सोने को बेचकर उन्होंने पति का इलाज़ रायपुर,विशाखापटनम के बड़े अस्पतालों में भी करवाया। (illness struck) वहां के डॉक्टरों ने नस से संबंधित समस्या होने की जानकारी परिजनों को दिया। वहीं इलाज़ में ज्यादा पैसा खर्च होने की जानकारी भी डॉक्टरों ने दिया। वहीं पीड़ित परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी ज्यादा मजबूत नहीं है कि वे उस खर्च का वहन कर सकें। वहीं रायपुर और विशाखापत्तनम में इलाज़ करवाने के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ,तब से कोमल तकलीफ के बीच जिंदगी जीने को मजबूर हो गए हैं।
लकड़ी के सहारे चलते हैं कोमल
कोमल की शरीर की पृरी नसें अकड़ चुकी है,वहीं नसों के अकड़ने के बाद कोमल का शरीर धीरे-धीरे झुकने लगा है। आज शरीर के ऊपर का भाग झुक गया है। किसी तरह कोमल डंडा के सहारे घर से कुछ दूरी तक निकलकर टहल लेते हैं। कोमल बताते है कि नसों के जकड़ने के बाद से पिछले 12 साल से उन्हें बहुत ज्यादा तकलीफ हो रही हैं। आज धीरे-धीरे नसों का जकड़न इस कदर बढ़ता जा रहा है कि उनके शरीर का पूरा अंग जाम होने लगा है। उन्हें ऐसा लग रहा है कि धीरे-धीरे उनके शरीर के पूरे अंग काम करना बंद कर रहे हैं।