रायपुर। (IAS officer transferred due to objection) 2019 बैच की आईएएस रेना जमील अपनी पहली ही पोस्टिंग में राजनीतिक दखलअंदाजी की वजह से ज्वाइन नहीं कर पाई। पहले इनकी पोस्टिंग सारंगढ़ के एसडीएम के रूप में हुई थी। लेकिन स्थानीय कांग्रेसी नेताओं को यह रास नहीं आया, और उन्होंने इसे लेकर आपत्ति भी उठाई। स्थानीय नेताओं ने इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आपत्ति जाहिर की। जिसके बाद से राज्य सरकार ने रेना को सारंग़ढ़ से वापस बुला लिया।(IAS officer transferred due to objection)
इस मुद्दे को लेकर भाजपा ने कांग्रेस को घेरा हैं. पूर्व कलेक्टर और भाजपा नेता ओपी चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेसी नेताओं के दबाव में 2019 बैच की आईएएस को सारंगढ़ एसडीएम का चार्ज नहीं दिया। सारंगढ़ पालिका चुनाव के कारण, कांग्रेसी नेता नहीं चाहते थे कि एसडीएम कोई आईएएस बने। इसलिए 12 दिनों मे ही उन्हें हटाने का आदेश जारी कर दिया गया। पिछले दिनों सामान्य प्रशासन विभाग ने एक नया आदेश जारी किया। इस आदेश के मुताबिक रेना जमीन का तबादला सारंगढ़ से जांजगीर-चांपा जिले के सक्ती में कर दिया गया।
5 आईएएस अफसरों का पोस्टिंग आदेश हुआ था जारी
बता दें कि राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने 30 जून 2019 बैच के पांच युवा आईएएस अफसरों को उनकी पहली पोस्टिंग का आदेश जारी कर दिया। इनमें रायपुर में प्रशिक्षु सहायक कलेक्टर नम्रता जैन को महासमुंद का एसडीएम और दुर्ग में प्रशिक्षु सहायक कलेक्टर रहे जितेंद्र यादव को कांकेर जिले में भानुप्रतापपुर का एसडीएम बनाया गया। बिलासपुर में प्रशिक्षु सहायक कलेक्टर रहे ललितादित्य नीलम को राजनांदगांव के मोहला का एसडीएम बनाकर भेजा गया। रेना जमील को रायगढ़ के सारंगढ का एसडीएम बनाया गया। सरगुजा में प्रशिक्षु सहायक कलेक्टर रहे विश्वदीप को गरियाबंद का एसडीएम बनाया गया।