दिल्ली। 2020 में गलवान झड़प के बाद तनावपूर्ण हुए भारत-चीन संबंधों में मंगलवार का दिन ऐतिहासिक माना जा रहा है।
भारत दौरे पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग ई और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अध्यक्षता में हुई 24वीं विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता में सीमा निर्धारण के लिए विशेषज्ञ समूह बनाने का निर्णय लिया गया। दोनों देशों ने सीमा व्यापार को पुनः खोलने और व्यापार एवं निवेश प्रवाह सुगम बनाने पर भी सहमति जताई। इसके साथ ही, भारत और चीन के मुख्य शहरों के बीच जल्द ही सीधी उड़ानें शुरू करने पर भी मुहर लगी।
इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर और वांग ई की बैठक में चीन ने भारत की तीन प्रमुख आर्थिक मांगों पर सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया। इसमें उर्वरक आपूर्ति की बाधाओं को दूर करना, रेयर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति बहाल करना और टनल बोरिंग मशीन के आयात को शुरू करना शामिल है।
रेयर अर्थ मैग्नेट (Rare Earth Elements) 17 विशेष रासायनिक तत्वों का समूह है, जिनमें नियोडिमियम, प्रासियोडिमियम और इट्रियम शामिल हैं। इनका उपयोग आधुनिक तकनीकी नवाचार जैसे एआई, रोबोटिक्स, अंतरिक्ष अन्वेषण, स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रिक वाहन और सैन्य उपकरणों में होता है। भारत की ऑटोमोबाइल कंपनियां और तकनीकी उद्योग इस आपूर्ति पर पूरी तरह निर्भर हैं।
साथ ही दोनों पक्ष पर्यटकों, व्यापारियों और अन्य आगंतुकों के लिए वीजा सुविधा देने पर भी सहमत हुए। सीमा पर शांति बनाए रखने और सैन्य तनाव कम करने के उपायों पर भी चर्चा हुई। एनएसए डोभाल ने बताया कि पीएम मोदी जल्द ही चीन की यात्रा पर जाएंगे और यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करेगी। इस ऐतिहासिक समझौते के बाद भारत-चीन संबंधों में नया मोड़ आया है, जिससे आर्थिक सहयोग, व्यापार और तकनीकी आत्मनिर्भरता में बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।