निगम की कार्रवाई पर हाई वोल्टेज ड्रामा: बोरियाखुर्द में तीन मंजिला अवैध कमर्शियल कॉम्प्लेक्स गिराने आई टीम को नेताओं ने रुकवाया

रायपुर। रायपुर के बोरियाखुर्द इलाके में कमल विहार से सटे क्षेत्र में नगर निगम की टीम अवैध तीन मंजिला व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स को तोड़ने पहुंची, लेकिन भवन मालिक की धमकियों और नेताओं के हस्तक्षेप के कारण कार्रवाई रुक गई।

यह बिल्डिंग डॉ. वीरेंद्र और उनके भाई डॉ. शैलेन्द्र पुष्पकार की बताई जा रही है, जिन्हें स्थानीय लोग ‘मूड़रा वाले डॉक्टर’ के नाम से जानते हैं। आरोप है कि उन्होंने आवासीय मंजूरी लेकर व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बनाया और कुछ हिस्सा नहर की जमीन पर भी कब्जा कर लिया। नगर निगम ने पहले भी कई नोटिस देकर कार्य रोकने और खुद तोड़ने की चेतावनी दी थी।

नगर निगम की टीम तीन बुलडोज़र लेकर बिल्डिंग गिराने पहुंची थी, तभी भवन मालिक और कर्मचारियों के बीच तेज बहस शुरू हो गई। अतिक्रमण रोधी टीम को धमकियां भी दी गईं।

इसी बीच जोन-10 के अध्यक्ष सचिन मेघानी और जोन-6 के अध्यक्ष बद्री प्रसाद गुप्ता मौके पर पहुंचे। मेघानी ने निगम अमले से कहा कि बिना सूचना और नोटिस के कार्रवाई करना गलत है, जिससे गरीबों को नुकसान हो सकता है। उनका रुख इतना आक्रामक था कि निगम की कार्रवाई वहीं रुक गई।

बद्री प्रसाद गुप्ता ने पास की एक अन्य बिल्डिंग को अवैध बताते हुए अपने जोन अमले को जांच का आदेश दिया। नेताओं के हस्तक्षेप के बाद निगम की टीम वापस लौट गई, जबकि मूल योजना थी कि तीनों मंजिला कॉम्प्लेक्स को तुरंत गिरा दिया जाए।

यह घटना पिछले महीने की विवादित स्थिति की याद दिलाती है, जब जोन-10 अध्यक्ष मेघानी ने अमलीडीह में स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई रोक दी थी। अधिकारियों ने उस समय उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। इस घटनाक्रम से स्पष्ट होता है कि नगर निगम की अवैध निर्माण पर कार्रवाई पर राजनीतिक हस्तक्षेप और स्थानीय दबाव एक चुनौती बने हुए हैं।

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