भालू के साथ क्रूरता मामले में हाई कोर्ट सख्त, जनहित याचिका दाखिल; दो आरोपी नक्सल क्षेत्र से गिरफ्तार

सुकमा। छत्तीसगढ़ में भालू के साथ बर्बरता के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस अमानवीय घटना के खिलाफ छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है, वहीं वन विभाग और सुरक्षा बलों की संयुक्त कार्रवाई में दो आरोपियों को सघन नक्सल क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया है।

आरोपियों की शिनाख्त वंडो भीमा और चंडो देवा के रुप में हुई है। दोनों ग्राम पुट्टेपाड़ के निवासी हैं। सुरक्षा कारणों के चलते सशस्त्र बलों की मदद से 13 अप्रैल को तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें दोनों को अगले दिन पकड़ लिया गया। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला सामने आया, जिसमें दो युवक एक भालू को बुरी तरह मारते दिखाई दिए। वन्यजीव बोर्ड के पूर्व सदस्य मंसूर खान द्वारा यह वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया गया था, जिसे देखकर प्रदेश भर में आक्रोश फैल गया।

तेलंगाना पुलिस से भी मांगा गया सहयोग

वन विभाग ने घटना से जुड़ी सूचना देने वाले को 10,000 रुपये इनाम की घोषणा की थी। चूंकि यह इलाका तेलंगाना सीमा से लगा हुआ है, इसलिए तेलंगाना के भद्राचलम और कोत्तागुड़ेम जिलों की पुलिस से भी सहयोग लिया गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए वन मंत्री केदार कश्यप ने इसे “अक्षम्य अपराध” करार दिया और प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख को त्वरित व कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

जांच के लिए विशेष कमेटी बनाई गई, जिसने वायरल वीडियो के आधार पर घटनास्थल की पुष्टि की और आरोपियों को चिन्हित किया। वन मंत्री ने कहा, “वन्य जीव हमारे अमूल्य प्राकृतिक संसाधन हैं। उनकी रक्षा करना सरकार, वन विभाग और ग्रामीणों की सामूहिक जिम्मेदारी है। इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम है।”

कोर्ट की सख्ती, जनहित याचिका दाखिल

हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दायर की है, जिसमें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। मीडिया से बातचीत के दौरान सुकमा के रेंजर ने बताया कि “दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है। उन्हें न्यायालय में पेश कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।”

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