सुकमा। सुकमा जिले के कोंटा विकासखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण का मतदान शनिवार को शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। इस दौरान, आजादी के 77 साल बाद, कोंटा के 5 पंचायतों में पहली बार मतदान हुआ। खासकर, पूवर्ती गांव में यह चुनाव ऐतिहासिक रहा, जहां नक्सलियों के आतंक के बावजूद ग्रामीणों ने अपनी वोट डाली।
पूवर्ती गांव कभी नक्सली नेता हिड़मा का गढ़ था, लेकिन अब यहां के लोग नक्सलवाद से मुक्त होकर अपने विकास की ओर बढ़ रहे हैं। पहले, नक्सलियों के डर से लोग चुनाव से दूर रहते थे, लेकिन इस बार सुरक्षा कैंपों की स्थापना के बाद, ग्रामीणों ने मतदान में हिस्सा लिया। मतदान केंद्र के बाहर सुबह से ही लोगों की लंबी कतारें लगने लगी थीं।
ग्रामीणों का कहना है कि अब उन्हें नक्सलवाद से मुक्ति मिल गई है और अब वे अपने गांव के विकास के लिए वोट दे रहे हैं। यहां महिलाएं भी बच्चे को गोद में लेकर मतदान करने आईं।
इस मतदान में पूवर्ती के अलावा 100 से अधिक अन्य गांवों में भी पहली बार वोटिंग हुई। गृह मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि इन गांवों में पहले नक्सलियों के डर के कारण मतदान केंद्र बदलने पड़ते थे, लेकिन अब ग्रामीण अपनी सरकार चुनने के लिए खुले तौर पर सामने आ रहे हैं।