दिल्ली। देशभर में मानसून ने इस बार भारी तबाही मचाई है। हिमाचल प्रदेश में 20 जून से 6 जुलाई के बीच 19 बार बादल फटे, जिससे अब तक 82 लोगों की जान जा चुकी है। इस दौरान 23 बार बाढ़ और 19 बार भूस्खलन हुआ। 269 सड़कों को बंद करना पड़ा है। मंडी जिले के थुनाग में बादल फटने से कई घर तबाह हो गए, और 14 लोगों की मौत हो चुकी है। 31 लोग अब भी लापता हैं।
उत्तराखंड के चमोली जिले में भारी बारिश के कारण बद्रीनाथ हाईवे बंद हो गया है। नंदप्रयाग और कर्णप्रयाग के पास भूस्खलन से रास्ता अवरुद्ध है। रुद्रप्रयाग और टिहरी जिलों में भी हालात खराब हैं। प्रशासन ने स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है और यात्रा से बचने की सलाह दी है।
मध्य प्रदेश में जीवन अस्त व्यस्त
मध्य प्रदेश में भी भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। शहडोल में 3 हजार घरों में पानी भर गया। जबलपुर में बरगी डैम के 9 गेट खोलने पड़े। कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। शहडोल की रेलवे पटरियां डूबने से 4 घंटे तक ट्रेनें रुकी रहीं।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सरयू नदी वॉर्निंग लेवल तक पहुंच गई है। 24 घंटे में जलस्तर में 24 सेमी की वृद्धि हुई है। बुलंदशहर में 3 फीट तक पानी भरने से स्कूल बंद किए गए हैं। मुरादाबाद और संभल में लगातार बारिश जारी है। छत्तीसगढ़ में सरगुजा, रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर जिलों में भारी बारिश का रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी है। अंबिकापुर में घरों में पानी घुस गया और कई कारें डूब गईं। नेशनल हाईवे 343 पर नदियां पुल के ऊपर बह रही हैं।
दिल्ली-एनसीआर हाईवे में लगा जाम
दिल्ली-एनसीआर में लगातार बारिश के कारण NH-48 पर ट्रैफिक जाम लगा हुआ है। नोएडा और महरौली में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। राजस्थान के नीम का थाना, बिहार के 26 जिले और हरियाणा के कई हिस्से भी इस बारिश से प्रभावित हैं। मौसम विभाग ने कई राज्यों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। लोग सतर्क रहें, प्रशासन ने मदद के लिए रेस्क्यू टीमें सक्रिय कर दी हैं।