वक्फ कानून पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई: विरोध में 70 से अधिक याचिकाएं

दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट आज दोपहर 2 बजे वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की बेंच देशभर से दायर याचिकाओं पर विचार करेगी। यह सुनवाई देश में वक्फ अधिनियम को लेकर बढ़ती बहस के बीच बेहद अहम मानी जा रही है।

हालांकि कोर्ट की लिस्ट में 10 याचिकाएं शामिल हैं, लेकिन 70 से ज्यादा याचिकाएं वक्फ एक्ट और उसके हालिया संशोधन के खिलाफ दाखिल की जा चुकी हैं। वहीं, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और असम जैसे 7 राज्यों ने कोर्ट में अपने हलफनामों में वक्फ बोर्ड संशोधन अधिनियम 2025 का समर्थन किया है और कहा है कि इसकी संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा जाए।

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई आज दोपहर 2 बजे से शुरू होगी। उम्मीद है कि इस संवेदनशील मुद्दे पर अदालत विस्तृत बहस को स्थान देगी, क्योंकि इससे धार्मिक स्वतंत्रता, संपत्ति अधिकार और अल्पसंख्यक संरचना जैसे कई संवैधानिक पहलुओं पर असर पड़ सकता है।

क्या है मामला

4 अप्रैल को संसद से पास हुआ वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2025, 5 अप्रैल को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 8 अप्रैल से लागू हो चुका है। इसके बाद से इसका विरोध तेज हो गया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के आह्वान पर 11 अप्रैल से पूरे देश में ‘वक्फ बचाओ आंदोलन’ शुरू किया गया है, जो 7 जुलाई तक चलेगा।

कोर्ट में कौन-कौन सी याचिकाएं

सुनवाई के लिए लिस्ट 10 याचिकाओं में ये प्रमुख नाम शामिल हैं

इन याचिकाओं में वक्फ अधिनियम 1995 और उसके हालिया संशोधनों को धार्मिक आधार पर भेदभावपूर्ण बताते हुए रद्द करने की मांग की गई है।

संसद में कैसे पास हुआ बिल

वक्फ है क्या समझे एक नजर में

‘वक्फ’ एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ होता है – रोकना या स्थायी दान। जब कोई मुसलमान धार्मिक उद्देश्य से संपत्ति अल्लाह के नाम पर समर्पित करता है, तो उसे वक्फ कहा जाता है। वक्फ संपत्तियां मस्जिद, कब्रिस्तान, मदरसे और अस्पताल जैसे संस्थानों के लिए होती हैं। इनका प्रबंधन वक्फ बोर्ड करता है, जिसे एक ट्रस्ट की तरह चलाया जाता है। भारत में 1954 में वक्फ अधिनियम, फिर 1995 और 2013 में संशोधन हुए।

वक्फ बोर्ड की संरचना
हर राज्य में दो वक्फ बोर्ड होते हैं – सुन्नी और शिया।इन बोर्डों में मुस्लिम विधायक, सांसद, एडवोकेट, विद्वान, आदि सदस्य होते हैं। प्रबंधन के लिए सर्वे कमिश्नर, और फैसलों को लागू कराने के लिए बोर्ड का CEO होता है। वक्फ विवादों के लिए अलग वक्फ ट्रिब्यूनल बनाया गया है।

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