(Health News) कैमिकल्स के जहरीली तत्व हमारे शरीर के लिए बेहद खतरनाक हैं. हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करने वाले लोग भी इससे अंजान हैं . (Health News) आखिर ये कैमिकल्स शरीर के मुख्य अंगों को कैसे नष्ट कर रहे हैं. शरन इंडिया की फाउंडर डॉ. नंदिता शाह ने हमारे फिट तक चैनल के जरिए लोगों को इस बारे में जानकारी दी है और उन्हें कुछ चीजों के कम से कम इस्तेमाल की सलाह दी है.
(Health News) नॉन ऑर्गेनिक फूड जिसे कैमिकल्स की मदद से पैदा किया जाता है, हमारे शरीर के लिए बेहद हानिकारक है. जानवरों में इसे पहचानने की बेहतर क्षमता होती है. लेकिन इंसान ऐसे कीटनाशकों को नहीं देख पाता, इसलिए हम उन्हें बाजार से खरीदकर खा रहे हैं. शरीर में जाने के बाद इन कैमिकल्स का असर सीधा हमारी किडनी और लिवर पर पड़ता है.
पैकेट में बंद खाने की लगभग सभी चीजों में काफी ज्यादा कैमिकल्स का इस्तेमाल होता है. जूस, खाना, सॉस, कैन सूप या पैकेट में बंद किसी भी चीज में कैमिकल हो सकता है. इसकी बजाय आपको फ्रेश फूड का इस्तेमाल करना चाहिए. पैकेट में बंद सिर्फ सिंगल इनग्रिडिएंट्स फूड जैसे ड्राय बैरीज, बीन्स या किशमिश जैसी चीजें खरीदना ही सुरक्षित है.
रेस्टोरेंट या फूड कॉर्नर पर मिलने वाले खाने में भी ऐसे कैमिकल्स इस्तेमाल होते हैं. खाने का जायका बढ़ाने या इसे लजीज बनाने के लिए इसमें जिन चीजों का इस्तेमाल होता है, वो पूरी तरह से कैमिकल युक्त होती हैं. MSG (मोनोसोडियम ग्लूटामेट) नाम का ऐसा ही एक तत्व चाइनीज फूड, कैन फूड और प्रोसेस्ड मीट में इस्तेमाल होता है, जो हमें काफी पसंद आता है. ध्यान रखें कि एक रेस्टोरेंट के लिए आपकी सेहत से ज्यादा कमाई मायने रखती है.
बीमरियों में राहत देने वाली दवाओं में भी कैमिकल्स का इस्तेमाल होता है. इसके अलावा, कई तरह के सप्लीमेंट्स में भी यह पाया जाता है. इसलिए कई डॉक्टर्स बीमारी में आराम आते ही मरीज को दवाएं बंद करने की सलाह देते हैं.
चमकते दांतों की चाहत और सांस की दुर्गंध से राहत पाने के लिए जिस टूथपेस्ट और माउथवॉश का आप रोजाना सुबह इस्तेमाल करते हैं, उसमें बहुत ज्यादा मात्रा में कैमिकल होता है जो सीधे हमारे मुंह में दाखिल होता है. हालांकि कुछ मेडिकेयर टूथपेस्ट में इनकी मात्री कम होती है.
पूजा में इस्तेमाल होने वाली अगरबत्ती, धूपबत्ती, एयर फ्रेशनर, मॉस्किटो कॉइल, पेस्ट कंट्रोल, डिटर्जेंट, विंडो क्लीनर, बाथरूम और टॉयलेट क्लीनर जैसी चीजों में मौजूद कैमिकल सरफेस या सांस के जरिए सीधे हमारे शरीर में दाखिल हो रहे हैं. इनमें मौजूद हानिकारक कैमिकल्स रेस्पिरेटरी सिस्टम के लिए भी खतरनाक हैं.
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