जिले में एक भट्ठा मजदूर को अपने पोते की लाश को कंधों पर उठाकर इंसाफ की भीख मांगी. गया का रहने वाला शामबली पुत्र बैशाखी अपने परिवार के साथ गगन ईंट-भट्ठे पर मजदूरी करते हैं. उनके 6 वर्षीय पोता रोहित की ठंड लगने से अचानक तबियत बिगड़ गई. इस पर उन्होंने भट्ठा मालिक से अपनी मजदूरी के पैसे मांगे लेकिन भट्ठा मालिक ने नहीं दिए.
बताया जा रहा है कि भट्ठा मालिक ने मजदूर को समय पर मजदूरी नहीं थी. जिसकी वजह से वह अपने पोते का इलाज नहीं करा पाया था और उसकी मौत हो गई. मजदूर के पास इतना पैसा भी नहीं था कि वह अपने पोते की लाश वाहन पर रखकर अपने गांव तक ले जा सके. यह घटना पिपरी थाना क्षेत्र के घूरी डिहा गांव की है.
जानकारी के मुताबिक बिहार के गया का रहने वाला शामबली पुत्र बैशाखी अपने परिवार के साथ गगन ईंट-भट्ठे पर रहकर मजदूरी करते हैं. उनके 6 वर्षीय पोता रोहित की ठंड लगने से अचानक तबियत बिगड़ गई. इस पर शामबाली ने भट्ठा मालिक से अपनी मजदूरी के पैसे बच्चे के इलाज के लिए मांगे लेकिन भट्ठा मालिक ने मजदूर को पैसे नहीं दिए. पोते के इलाज के लिए शामबाली बार-बार पैसों की मांग करता रहा बावजूद इसके भट्ठा मालिक का दिल नहीं पसीजा.
पुलिस के मुताबिक एक सूचना मिली थी कि भट्ठे पर काम करने वाला व्यक्ति जो मूल रूप गया बिहार के रहने वाला है, उनके पोते की मौत हो गई थी. सूचना प्राप्त होते ही तत्काल पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची. बच्चे के पिता ने बताया कि उनका बेटा ठंड लगने से बीमार हो गया था. जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई, इसके अलावा उनके द्वारा बताया गया कि उनका भट्ठे के मालिक से कोई वाद विवाद नहीं है. तथा ईट भट्ठे मालिक ने उनकी सहायता भी की है.