सरकार ने 42 दवाओं के दाम घटाए, NPPA का आदेश; अब जीवनरक्षक दवाएं तय कीमत पर ही बिकेंगी

दिल्ली। केंद्र सरकार ने मरीजों को बड़ी राहत देते हुए 42 सामान्य दवाओं की खुदरा कीमत तय कर दी है। इन दवाओं में ब्रॉड-स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक और इप्का लेबोरेट्रीज की दवाएं शामिल हैं, जो मुख्य रूप से अंग प्रत्यारोपण के बाद संक्रमण और ऑर्गन रिजेक्शन रोकने में उपयोग होती हैं।

नई कीमतों में मेरोपेनम और सुलबैक्टम इंजेक्शन की खुदरा कीमत 1,938.59 रुपये प्रति शीशी तय की गई है। माइकोफेनोलेट मोफेटिल की कीमत 131.58 रुपये प्रति टैबलेट और एबॉट हेल्थकेयर की क्लैरिथ्रोमाइसिन एक्सटेंडेड-रिलीज टैबलेट की कीमत 71.71 रुपये प्रति टैबलेट निर्धारित की गई है। ये दवाएं बैक्टीरियल संक्रमण और गंभीर बीमारियों के इलाज में काम आती हैं।

राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने फरवरी 2025 में आदेश जारी किया था कि सभी दवा निर्माता तय कीमतों की सूची सरकार, राज्य औषधि नियंत्रकों और डीलरों को सौंपें। इसके साथ ही फार्मेसियों और डीलरों को यह मूल्य सूची सार्वजनिक स्थानों पर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करनी होगी, ताकि आम लोग और मरीज यह जांच सकें कि दवाएं सही दाम पर बिक रही हैं या नहीं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम मरीजों को महंगी दवाओं के बोझ से राहत देगा। इसके अलावा, यह दवा दुकानों पर अनुचित मुनाफाखोरी को रोकने में मदद करेगा। सरकार का उद्देश्य आम नागरिकों को जीवनरक्षक दवाएं उचित मूल्य पर उपलब्ध कराना और स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता बढ़ाना है। इस फैसले से मरीजों की जेब पर आर्थिक दबाव कम होगा और आवश्यक दवाओं की पहुंच अधिक सुनिश्चित होगी।

सरकार की इस पहल को स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आम लोगों ने स्वागत किया है, क्योंकि अब मरीज जीवनरक्षक दवाओं को तय कीमतों पर आसानी से खरीद सकेंगे और महंगी दवाओं की वजह से आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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