मनीष@बिलासपुर। (Chhattisgarh) छत्तीसगढ़ में मौजूदा कांग्रेस सरकार का कहना है कि इस बार प्रदेश में धान खरीदी रिकॉर्ड संख्या में दर्ज की गई है खाद्य मंत्री ने तो इसे उपलब्धि के रूप में देखा है वहीं दूसरी तरफ विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं (Chhattisgarh) भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इसे आंकड़ों की बाजीगरी करार दिया है।
(Chhattisgarh) छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर सत्तापक्ष ने कई दावे किए हैं हालांकि धान खरीदी देर से शुरू हुई थी किसानों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा था जिसमें बार दाने आने की कमी को लेकर समिति की मनमानी तक कई मुद्दे थे इन सब के बावजूद छत्तीसगढ़ प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने दावा किया है कि इस बार बंपर मात्रा में धान खरीदी हुई है प्रदेश सरकार ने तकरीबन 90 लाख मैट्रिक टन धान खरीद लिया है।
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी बंपर हुआ है फसल भी ज्यादा मात्रा में हुई है और धान खरीदी भी इसलिए इस साल जो हमारा 84 लाख मैट्रिक टन का रिकॉर्ड था उसे आगे बढ़कर और अभी तक 90 लाख 88 हजार मैट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है पूरे प्रदेश में तकरीबन साढे 21.5 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है इसमें से 2040106 किसानों ने अपना धान बेच चुके हैं इस प्रकार हम कह सकते हैं कि प्रदेश में सफलतापूर्वक धान खरीदी का काम संपन्न हुआ है।
हालांकि खाद्य मंत्री के अलावा सटीक उल्टे विपक्ष के नेता और पूर्व मंत्री रह चुके बृजमोहन अग्रवाल ने इसे आंकड़ों की बाजीगरी करार दिया है इनकी माने तो सत्तापक्ष धान खरीदी के मामले में बड़े-बड़े वादे करती रही लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि आज भी सभी किसानों के धान नहीं खरीदे जा चुके है इसके लिए पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बकायदा तर्क और आंकड़े भी प्रस्तुत किए हैं।
सरकार ने किसानों का धान देरी से खरीदना शुरू किया किसानों के धान खरीदी की जो समय सीमा है वह समय सीमा 2 महीने के बजाय मुश्किल से 30 दिन रखा गया और अब जब समय शनिवार रविवार 2 दिन धान खरीदी के शेष है और जब आपने यह अंतिम तिथि 31 जनवरी रखी है तो इन 2 दिनों में भी खरीदारी होनी चाहिए और आपको इस बात की घोषणा करना चाहिए कि आप अपनी पीठ थपथपा रहे थे । 21 लाख किसान रजिस्टर्ड हुए हैं तो उन्हें घोषणा करना चाहिए कि एक एक किसान का धान हम खरीदेंगे वैसे वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद विधानसभा में कहते थे कि हमारे प्रदेश में 46 लाख किसान हैं तो सिर्फ 16 लाख किसानों का धान क्यों खरीदा जा रहा है अगर पिछले साल उन्होंने 80 लाख टन धान खरीदा था इस हिसाब से 21 लाख किसानों का धान तो 1 करोड़ 10 लाख टन होता है उनका पूरा भी धान खरीदना चाहिए।