रवि तिवारी@देवभोग। (Gariyaband) डोहल पंचायत में शौचालय की स्वीकृति दे दी गई है,लेकिन सावर्जनिक शौचालय बनाने के लिए पंचायत के पास एनएच रोड के किनारे सरकारी जगह ही नहीं बचा है। रिकॉर्ड में जो सरकारी जगह दिखाई भी पड़ रहा है,लेकिन उसे भी कुछ लोगों के द्वारा कब्जा कर लिया गया है। वही सड़क किनारे कब्जा किये गए सरकारी जगह को खाली करवाने के लिए सरपंच और सचिव महेंद्र ठाकुर ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है,लेकिन आज तक कब्जाधारियों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई भी नही हो पाया है,जिसके चलते कब्जाधारियों का हौसला बुलंद होता जा रहा है।
मामले में पंचायत सचिव महेंद्र ठाकुर ने बताया कि तत्कालीन तहसीलदार बाबूलाल कुर्रे को भी आवेदन देकर कब्जा हटाने के लिए गुहार लगाया गया था। उस दौरान तहसीलदार ने पटवारी को निर्देशित कर जांच करने के लिए कहा था। (Gariyaband) बाबूलाल कुर्रे का तबादला हो जाने के बाद जांच ठंडे बस्ते में डल गयाऔर आज तक कार्रवाई क्या हुआ वह भी पता नही चल सका।
एक बार फिर सरपंच और सचिव ने आवेदन प्रभारी तहसीलदार समीर शर्मा को सौपा है और उनसे कब्जा हटाने की गुहार लगाई है। देखने वाली बात होगी कि तहसीलदार कब तक कब्जाधारियों पर कार्रवाई का डंडा चलाकर पंचायत को शौचालय निर्माण के लिए वह सरकारी जमीन दिलवाते हैं।
6 महीने पहले स्वीकृति लेकिन काम अब भी नही हुआ शुरू
पंचायत सचिव महेंद्र ठाकुर ने बताया कि 6 महीने पहले पंचायत के झाराबाहाल में सामुदायिक शौचालय की स्वीकृति मिली थी। वही शौचालय को झाराबाहाल में एनएच सड़क के किनारे बनाये जाना है,लेकिन सड़क किनारे का लगभग साढ़े 22 डिसमिल जमीन को दो लोगों द्वारा कब्जा कर लिया गया है।
(Gariyaband) सचिव के मुताबिक वे कब्जा छोड़ने को तैयार नही है। कब्जा खाली करवाने की पंचायत ने जब भी कोशिश की तो दोनों लड़ाई-झगड़े पर उतारू हो जाते है। सचिव ने बताया कि छः महीने पहले मिली स्वीकृति के बाद भी कब्जाधारियों के चलते शोचालय का निर्माण नही करवा पाए है। मामले में सीईओ मनहर लाल मण्डावी ने कहा कि वे इस मामले को लेकर तहसीलदार से चर्चा करेंगे। वही सरकारी जमीन को खाली करवाने के लिए उनसे कहेंगे। हम जल्द ही सरकारी जमीन को खाली कर शोचालय का निर्माण शुरू करवा देंगे।