परमेश्वर राजपूत@गरियाबंद। जिले के छुरा विकासखंड के स्कूलों के हालात कुछ ठीक नहीं है. कही शिक्षकों की कमी है..तो कही पर स्कूल भवन ही जर्जर हो चुका है. ऐसे हालत में बच्चों को पढ़ाना काफी मुश्किल हो रहा है.. प्राथमिक शाला राजपुर में 5 कक्षाएं संचालित होती है..जिसमें 35 बच्चे अध्धयनरत है. हालांकि आश्चर्य की बात ये है कि..एक टीचर के भरोसे 5 कक्षाएं संचालित हो रही है..वहीं कांटाखुसरी प्राथमिक शाला भवन की हालत भी जर्जर हो चुकी है…ये हाल एक ही स्कूल का नहीं है…प्राथमिक शाला मलियार, प्राथमिक शाला सेहरापानी में भी एक कमरे में पांच कक्षाएं संचालित हो रही हैं….जंगल से सटे होने के बावजूद भी स्कूल में चैनल गेट भी नहीं लगा है. जिससे जंगली जानवरों का खतरा अक्सर बना रहता है.
मुख्य स्कूल भवन भी टूटा
स्कूल का मुख्य भवन भी टूट चुका है..जो कि अभी तक नहीं बन पाया है. अतिरिक्त भवन में ही पांच कक्षाएं संचालित हो रही है। इधर प्राथमिक शाला रूवाड़ में प्रधान पाठक नरेश्वर यादव ही है और एक शिक्षक देवलाल यादव जो ढूंनढूंनीपानी का प्रधान पाठक है। ये भी स्कूल की हालात पर मौन बैठे हुए हैं…
परीक्षा में 2 से 3 महीने शेष
वार्षिक परीक्षा में 2 से तीन महीने ही बस शेष हैं. लेकिन हालात जस के तस बने हैं…ऐसे में बच्चों की पढ़ाई भी राम भरोसे ही हैं…इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि परीक्षा परिणाम कितना अच्छा आ सकता हैं…