बेमेतरा। स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले के 648 गांवों में कचरा पृथक्करण शेड बनाए जाने हैं, जिसके लिए प्रत्येक शेड पर 4 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है।
हालांकि, इस महत्त्वाकांक्षी योजना में निर्माण कार्यों को लेकर गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। कई ग्राम पंचायतों में अब तक निर्माण कार्य प्रारंभ ही नहीं हो सका है, जबकि कई जगहों पर कार्य अधूरा छोड़ दिया गया है। इस लापरवाही को लेकर सरपंचों और सचिवों को नोटिस जारी किए गए हैं।
जिला पंचायत को नियमित रूप से निर्माण प्रगति की रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी ग्रामीण यांत्रिकी विभाग की है, लेकिन जानकारी के अनुसार ठेकेदारों ने केवल विशेष प्राथमिकता वाले गांवों में शेड का निर्माण कराया है, ताकि अधिकारियों की विजिट के दौरान गड़बड़ी उजागर न हो।तीन ठेकेदारों को निर्माण कार्य का जिम्मा दिया गया था, जिन्हें पहले भी लापरवाही के चलते नोटिस जारी किया गया था।
कई ग्राम पंचायतों में तो राशि आहरण के बावजूद काम शुरू नहीं हुआ है, जिससे निर्माण में व्यापक गड़बड़ी उजागर हुई है। पत्रिका की जांच में पता चला कि एससी, एसटी बाहुल्य गांवों जैसे सिरवाबांधा, बहुनवागांव और नवलपुर में निर्माण को प्राथमिकता दी गई, लेकिन अधिकतर कार्य अधूरे हैं। ग्राम बैजलपुर और डुंडा के पूर्व सरपंचों ने ठेकेदारों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। विभाग का कहना है कि सभी निर्माणों की समीक्षा की जा रही है और कार्य में लापरवाही पर नोटिस जारी किए गए हैं।