सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में कलेक्टर एस. जयवर्धन ने 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी के रूप में घोषित अवकाश रद्द कर दिया है। कलेक्टर ने आदेश जारी कर गणेश चतुर्थी के दिन की छुट्टी को निरस्त किया और इसके स्थान पर तीन सितंबर को मनाए जाने वाले करमा महोत्सव, जिसे ढोल ग्यारस भी कहा जाता है, को स्थानीय अवकाश के रूप में घोषित किया।
सूरजपुर कलेक्टर ने कहा कि इस बदलाव का उद्देश्य स्थानीय उत्सवों और सांस्कृतिक पर्वों को प्रोत्साहित करना है। करमा पर्व के अवसर पर स्थानीय लोग पारंपरिक रीति-रिवाज और ढोल-ग्यारस के साथ उत्सव मनाते हैं, इसलिए इसे अवकाश घोषित किया गया है।
इससे पहले राज्य सरकार ने नवरात्रि महाअष्टमी का अवकाश रद्द कर दिया था और नुआखाई को स्थानीय अवकाश घोषित किया था। इसके तहत 30 सितंबर को होने वाली महाअष्टमी की छुट्टी को रद्द कर 28 अगस्त को नुआखाई या ऋषि पंचमी के अवसर पर स्थानीय अवकाश घोषित किया गया।
अधिकारियों ने कहा कि इस प्रकार अवकाश के बदलाव का उद्देश्य पारंपरिक और स्थानीय त्योहारों को प्राथमिकता देना है, ताकि लोग अपनी सांस्कृतिक परंपराओं और स्थानीय रीति-रिवाजों में भाग ले सकें। इस फैसले से सरकारी कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में गणेश चतुर्थी के दिन छुट्टी नहीं रहेगी, लेकिन करमा पर्व के अवसर पर स्थानीय समुदाय इसे मान्यता के साथ मनाएगा।
कलेक्टर के आदेश के बाद जिले के नागरिकों और स्थानीय प्रशासन को सूचित कर दिया गया है। इस बदलाव से कर्मचारियों और छात्रों को समय पर जानकारी मिलने के कारण योजना बनाने में आसानी होगी। यह निर्णय सूरजपुर जिले में छुट्टियों के कैलेंडर में बदलाव और स्थानीय त्योहारों के महत्व को उजागर करने वाला कदम माना जा रहा है।