रायपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण शाह ने प्रेस वार्ता ली है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अब पूर्व सांसद हो गए हैं। 2019 में उन्होंने पिछड़ा वर्ग के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। प्रकरण की सुनवाई के पश्चात उन्हें 2 वर्ष की सजा सुनाई गई। तत्पश्चात लोकसभा की सदस्यता समाप्त की गई।
संविधान के अनुरूप जैसे उन्हें 2 साल की सजा सुनाई गई, उस दिन से ही उनकी लोकसभा सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त हो गयी थी। बयानबाजी के बाद पिछड़ा वर्ग से माफी मांगने के बजाय अपनी बात पर राहुल गांधी अड़े रहे। पिछड़ा वर्ग के जख्म में नमक लगाने का प्रयास किया गया। इसमें बीजेपी का कोई हाथ नहीं था। कांग्रेस स्वयं चाहती थी कि उनकी सदस्यता समाप्त हो। पवन खेड़ा के मामले में 10 मिनट में कोर्ट गए और इस मामले में अब तक कांग्रेस कोर्ट नहीं जा पाई। राहुल गांधी की सदस्यता उनके अहंकार के कारण गयी है। 4 साल तक समय था तेली समाज से माफी नहीं मांगी न्यायालय ने भी मौका दिया। उन्हें लगा कि वह कानून से बड़े हैं, देश से बड़ा समझने का काम राहुल गांधी ने अपने आप को किया। पहले भी 10 से अधिक सदस्यों की सदस्यता समाप्त की गई हैं।
भूपेश बघेल के गुंडों ने भाजपा के कार्यालय पर हमला किया। अत्यंत निंदनीय दुर्भाग्यपूर्ण है। छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था की हाल क्या है यह भी दर्शाया गया। कांग्रेस की आदत रही हैं चुनाव हार जाते हैं तो ईवीएम पर सवाल उठाते हैं कोर्ट से हार जाते हैं तो न्यायालय पर सवाल उठाते हैं। भूपेश बघेल अपने गुंडो को अपने नियंत्रण में रखे। पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बने रही…
पुलिस सत्ता के इशारे पर कार्य ना करें,अपने दायित्वों का निर्माण करें। झंडे में लकड़ी की जगह मोटे झंडे लगे थे ये बताता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था क्या हैं। हमारे कर्यकर्ता पर FIR और हमारे कार्यकर्ता पर हमला हुआ है।