दिल्ली। महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन प्रभावित कर दिया है। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में पिछले चार दिनों से लगातार बारिश के कारण 8 लोगों की मौत हो गई है। मराठवाड़ा के लातूर में 3, बीड में 2 और छत्रपति संभाजीनगर, नांदेड़ तथा धाराशिव में एक-एक व्यक्ति की जान चली गई। मृतकों में बिजली गिरने और डूबने के कारण मौतें हुईं।
मराठवाड़ा के आठ जिलों में 766 घर बाढ़ की चपेट में आए हैं और 33,010 हेक्टेयर से अधिक फसलें नष्ट हो गई हैं। बीड और धाराशिव में पांच बांध और कई सड़कें, पुल तथा स्कूल भी प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि NDRF और SDRF की 17 टीमें प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू कार्य में लगी हैं। धाराशिव में हेलिकॉप्टरों के माध्यम से लोगों को सुरक्षित निकाला गया। किसानों के लिए 2,215 करोड़ रुपए के ऑर्डर जारी किए गए हैं और 1,829 करोड़ रुपए पहले ही वितरित किए जा चुके हैं।
पश्चिम बंगाल में कोलकाता और आसपास के जिलों में बारिश से 10 लोगों की मौत हुई, जिनमें 8 मौतें कोलकाता में हुईं। कई मौतें करंट लगने के कारण हुई। कोलकाता में सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक 251.4 मिमी बारिश हुई, जो 39 साल में एक दिन में दर्ज सबसे अधिक बारिश के करीब है। कई इलाके 2-3 फीट पानी में डूबे हैं। फ्लाइट्स और ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ, जबकि स्कूल-कॉलेजों में 25 सितंबर तक छुट्टी रहेगी।
मौसम विभाग ने महाराष्ट्र और बंगाल के लिए सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। छत्तीसगढ़, बिहार और अन्य राज्यों में भी भारी बारिश के अलर्ट जारी किए गए हैं। खरीफ फसलों के लिए यह बारिश लाभकारी मानी जा रही है, लेकिन जनजीवन पर इसका नकारात्मक असर भी दिखाई दे रहा है।