हाईवे पर फाइटर जेट जगुआर उतरा: पाकिस्तान बॉर्डर से 40 KM दूर एयरफोर्स का ‘ऑपरेशन त्रिशूल’ युद्धाभ्यास शुरू

राजस्थान। राजस्थान के बाड़मेर जिले में मंगलवार को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान सीमा से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित गांधव (बाखासर) इलाके में हाईवे पर फाइटर जेट जगुआर उतारकर अपनी सामरिक ताकत का प्रदर्शन किया।

यह अभ्यास ऑपरेशन त्रिशूल का हिस्सा है, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद जैसलमेर में हो रहे सबसे बड़े सैन्य युद्धाभ्यास के रूप में देखा जा रहा है।

एक्सप्रेसवे 925A पर बनी 3 किलोमीटर लंबी और 33 मीटर चौड़ी आपातकालीन एयर स्ट्रिप पर मंगलवार सुबह सबसे पहले C-295 ग्लोबमास्टर ने टच एंड गो ट्रायल किया, जिसके बाद जगुआर फाइटर जेट ने सफल लैंडिंग कर उड़ान भरी। जल्द ही तेजस और सुखोई भी इसी स्ट्रिप पर उतरेंगे। युद्धाभ्यास के दौरान हाईवे पर आवाजाही पूरी तरह बंद रही और सेना-पुलिस के जवान तैनात रहे।

इस एयर स्ट्रिप का निर्माण 32.95 करोड़ रुपए की लागत से हुआ है। इसके दोनों सिरों पर 40×180 मीटर की पार्किंग और दो मंजिला एटीसी केबिन बनाया गया है। यहां से 3.5 किलोमीटर लंबी सर्विस रोड भी जुड़ी है, ताकि आपात स्थिति में तेजी से कार्रवाई की जा सके।

देशभर में इस तरह की 25 इमरजेंसी एयर स्ट्रिप्स बनाई जा रही हैं, जिनमें से 12 के नाम सार्वजनिक किए गए हैं। पहली बार यह स्ट्रिप 2021 में उपयोग में आई थी, जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यहां फाइटर जेट लैंडिंग देखी थी।

यह परियोजना भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत तैयार की गई है। इसका उद्देश्य बॉर्डर इलाकों में सैन्य संचालन की क्षमता को बढ़ाना और भारत-पाक सीमा पर किसी भी आपातकालीन स्थिति में वायुसेना की तत्परता सुनिश्चित करना है।

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