खाद की कमी का दंश झेल रहे किसान, 15 वर्ष से अधिक बीते, नहीं सुलझी खाद की समस्या

गोपाल शर्मा@जांजगीर चांपा। क्षेत्र में प्रतिवर्ष खाद की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने से किसानों को खाद की समस्या का सामना करना पड़ता है। हर साल खाद की कमी का दंश झेलते हुए इन किसानों को 15 वर्ष से अधिक हो चुके हैं। इस वर्ष भी खाद की समस्या ने किसानों की नींद उड़ा दी है।

सियोल 1 जांजगीर चांपा के करनोद समिति में खाद की किल्लत व्यवस्थागत खामी को दर्शा रही है, लेकिन किसी भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है। कस्बे में यूरिया खाद की किल्लत के चलते खाद की दुकानों पर सवेरे से ही किसान खाद खरीदने के लिए जमा हो जाते हैं। सुबह से शाम तक मशक्कत करने के बावजूद किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। कस्बे में यूरिया खाद की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति नहीं होने खाद के साथ अटेचमेंट कालाबाजारी के चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कस्बे में हो रही यूरिया खाद की किल्लत से किसानों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। किसान सवेरे से शाम तक खाद के इंतजार में बैठे रहते हैं। फिर भी खाद नहीं आने पर किसानों को मायूस ही लौटना पड़ता है। किसानों ने बताया कि करीब एक सप्ताह से प्रतिदिन खाद के इंतजार में बैठे रहते हैं, लेकिन खाद नहीं आने से उन्हें समस्या होती है। उन्होंने बताया कि अगर कुछ मात्रा में यूरिया खाद आता भी है तो उससे किसानों की पूर्ति नहीं हो पाती है। अगर प्रतिदिन प्रत्येक डीलर के पास 600 कट्‌टे या 30 टन यूरिया खाद जाए तो किसानों की पूर्ति हो सकती है। कुछ डीलरों के पास ही खाद आने से किसानों की पूर्ति संभव नहीं है और अगर खाद आता भी है तो वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान ही है। जिससे यूरिया खाद की किल्लत बढ़ती जा रही है।

इसवजह से होती है समस्या

कृषि अधिकारियों द्वारा सही स्टीमेट नहीं बनाने से यह समस्या उत्पन्न होती है। कस्बे सहित क्षेत्र में यूरिया खाद की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति नहीं होने खाद के साथ अटेचमेंट कालाबाजारी के चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

वहीं करनोद समिति प्रबंधक रथलाल डड़सेना किसानों से कमीशन की मांग को लेकर के किसानों को परेशान किया जाए वही किसानों को 3 बोरी खाद लेने में तीन बोरी वर्मी कंपोस्ट खाद लेने को मजबुर किया जा रहा है वही किसानों की मानें तो वर्मी कंपोस्ट खाद में रेत और मिट्टी की मिलावट की जा रही है वहीं छत्तीसगढ़ की सरकार किसानों की हितेषी बताती है, तो कहीं ना कहीं इन किसानों की बातें अगर हम सुने तो किसानों की सरकार कहलाने वाले भूपेश बघेल पे सवालिया निशान लग रहा है सुनिए किसान क्या कह रहे हैं

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