रायपुर। छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डीकेएस अस्पताल में एक गंभीर लापरवाही सामने आई है। यहां के न्यूरोलॉजी विभाग में ब्रेन स्ट्रोक के एक मरीज को एक्सपायरी इंजेक्शन लगाया गया। घटना की जानकारी होने पर परिजनों ने हंगामा किया और मीडिया को सूचना दी।
परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार 58 वर्षीय मानबाई साहू के बीते दिनों ब्रेन स्ट्रोक आया था। उनका उपचार डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में चल रहा था। अंबेडकर अस्पताल में इंजेक्शन की कमी के कारण उन्हें इलाज के लिए डीकेएस अस्पताल रेफर किया गया। डीकेएस अस्पताल में रविवार 2 मार्च को डॉक्टरर्स और नर्स ने मानबाई साहू का सीटी स्कैन और एमआरआई जांच कराया। जांच कराने के बाद डॉक्टरों ने मस्तिष्क में ब्लड क्लॉट (रक्त के थक्के) को तोड़ने के लिए इंजेक्शन दिया।
परिजनों ने जब इंजेक्शन का कवर देखा, तो उसमें इंजेक्शन जनवरी में एक्सपायर होने की डेट लिखी थी। परिजनों ने नर्स से पूछा, तो नर्स ने दवा कुछ दिन पहले ही एक्सपायर होने की बात बोलकर टाल दिया और मरीज के स्वस्थ्य होने का आश्वसन दिया। मेडिकल स्टॉफ की समझाइश पर परिजन शांत हो गए, लेकिन बीते दो दिनों से मान बाई के बाएं हाथ और पैर की मांसपेशियां काम करना बंद हो गईं, और वह बिस्तर पर पड़ी हुई हैं। मान बाई के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन, डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पूरे मामले में विवाद बढ़ता देखकर अस्पताल प्रबंधन ने मीडिया से दूरी बना ली है।