रायपुर। छत्तीसगढ़ में 16,000 से अधिक NHM संविदा कर्मचारी अब आर-पार की लड़ाई पर उतर आए हैं। सोमवार को हड़ताल का 21वां दिन रहा। पूरे प्रदेश में ‘रोटी-सम्मान-न्याय-गारंटी’ की थीम पर प्रदर्शन जारी रहा। NHM कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने कहा कि अब सिर्फ आश्वासन नहीं, ठोस फैसले चाहिए।
मिरी ने बताया कि मंगलवार से जल सत्याग्रह की शुरुआत होगी। यदि सरकार जल्द सुनवाई नहीं करती है, तो NHM कर्मचारी विधानसभा का घेराव करेंगे और मंत्रियों व विधायकों के घरों के बाहर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।
इससे पहले NHM कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा देकर स्वास्थ्य विभाग को झटका दिया था। रायपुर में 1,600, दुर्ग में 850 और रायगढ़ में 500 कर्मचारियों ने इस्तीफा सौंपा। हालांकि CMHO डॉ. मिथिलेश चौधरी ने कहा कि ज्ञापन लिया गया है, लेकिन इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया।
स्वास्थ्य विभाग ने 3 सितंबर को 25 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। इसमें NHM संविदा कर्मचारी संगठन के प्रदेश संरक्षक हेमंत सिन्हा और महासचिव कौशलेश तिवारी के नाम भी शामिल हैं। इस कार्रवाई के बाद NHM कर्मचारियों का विरोध और तेज हो गया है, और स्वास्थ्य सेवाएं ठप होने की कगार पर हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि प्रशासन दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है और बातचीत के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। ऐसे में प्रदर्शन ही एकमात्र विकल्प बचा है। कर्मचारियों ने अलग-अलग तरीके से विरोध जताया। उन्होंने पीएम, सीएम और स्वास्थ्य मंत्री का मुखौटा पहनकर डांस किया और खून से लेटर लिखने जैसी मांग जताई।
NHM कर्मचारी अपनी हड़ताल और प्रदर्शन के माध्यम से लगातार यह संदेश दे रहे हैं कि उनकी मांगें केवल सम्मान, न्याय और गारंटी से संबंधित हैं, और सरकार से ठोस निर्णय की उम्मीद है।