राजधानी में प्रदूषण के चलते BS-6 वाहनों को एंट्री, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के बिना पेट्रोल बंद

दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए गुरुवार से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू कर दिया गया है।

इसके तहत सिर्फ BS-6 इंजन वाली गाड़ियों को ही राजधानी में प्रवेश की अनुमति मिलेगी। इससे कम मानक वाली वाहनों पर रोक लग गई है, जिससे गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद से दिल्ली आने वाले लगभग 12 लाख वाहन प्रभावित होंगे।

साथ ही ‘नो PUC, नो फ्यूल’ नियम भी लागू हो गया है। पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट के बिना पेट्रोल, डीजल और CNG उपलब्ध नहीं होगा। पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं।

सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में 50% कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य कर दिया गया है। प्राइमरी स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेज चलेंगी, जबकि सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी स्टूडेंट्स ऑनलाइन या फिजिकल क्लास चुन सकते हैं।

GRAP-4 के तहत निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों पर पूरी तरह बैन है। CNG, इलेक्ट्रिक वाहन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई है। नियम तोड़ने पर वाहन जब्ती, जुर्माना और कानूनी कार्रवाई होगी। दिल्ली सरकार ने प्रभावित निर्माण मजदूरों को ₹10,000 मुआवजा देने का ऐलान किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने भी प्रदूषण पर सख्ती दिखाई। कोर्ट ने पुरानी बीएस-4 वाहनों पर कार्रवाई की अनुमति दी और कहा कि मौजूदा उपायों को प्रभावी रूप से लागू किया जाना चाहिए। CAQM और NCR सरकारों से शहरों में ट्रैफिक और पराली जलाने को रोकने जैसे मुद्दों पर ध्यान देने को कहा गया। इस कदम से दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रित करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने की कोशिश की जा रही है।

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