नई दिल्ली। केंद्र सरकार का दूरसंचार विभाग (DoT) साइबर धोखाधड़ी रोकने के लिए एक्टिव कदम उठाता रहता है और इसी कड़ी में एक और अलर्ट जारी किया है. इस अलर्ट को जारी करने की वजह ये है कि कॉल फॉरवर्ड करवाकर फ्रॉडस्टर्स (धोखाधड़ी करने वाले) साइबर क्राइम कर रहे हैं और लोगों को फ्रॉड का शिकार बना रहे हैं.
फ्रॉड से रहें सावधान- टेलीकॉम डिपार्टमेंट
देश के टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने संदिग्ध कॉल आने पर अलर्ट रहने के लिए कहा है. इसमें *401# के बाद कोई अजनबी मोबाइल नंबर डायल नहीं करने की सलाह जारी की है क्योंकि ऐसा करने से आपके मोबाइल से किसी अजनबी मोबाइल नंबर पर बेरोक-टोक कॉल फॉरवर्डिंग एक्टिव हो जाती है. इससे सभी इनकमिंग कॉल धोखेबाज शख्स को मिलने लगते हैं और इसका इस्तेमाल फ्रॉड के लिए हो सकता है.
दूरसंचार विभाग चला रहा अभियान
संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग- डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन्स (डीओटी) ने गलत इरादे से की जा रही इनकमिंग कॉल रोकने और साइबर अपराधों और धोखाधड़ी से सेफ्टी के लिए सक्रिय अभियान चलाया है. इसमें बताया जा रहा है कि घोटालेबाजों के काम करने के तरीके क्या हैं और उनका क्राइम करने का वर्किंग स्टाइल क्या होता है..इसकी जानकारी देते हुए टिलीकॉम डिपार्टमेंट ने ऐसी इनकमिंग कॉल से सावधान रहने की सलाह दी है.
टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने किया ट्वीट
डीओटी ने इसे लेकर ट्वीट भी किया है और इसमें टेलीकॉम यूजर्स को *401# और उसके बाद किसी अज्ञात मोबाइल नंबर को डायल करने वाली कॉल्स से अलर्ट रहने की सलाह दी है. टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर अपने कस्टमर्स को कभी भी *401# डायल करने के लिए नहीं कहते हैं.
कैसे जाल में फंसाते हैं ये धोखेबाज कॉलर
टेलीकॉम यूजर्स को ये धोखेबाज कॉल करते हैं और उनके टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर का कस्टमर सर्विस रीप्रेसेंटेटिव या टेक्नीकल सपोर्ट स्टाफ होने का दावा करता है. ये धोखेबाज शख्स ग्राहक से कहता है कि या तो उनके सिम कार्ड में कोई समस्या है या नेटवर्क या सर्विस की क्वालिटी से संबंधित कोई समस्या है. उस समस्या को ठीक करने के लिए उन्हें एक खास कोड डायल करना होगा. यह कोड आमतौर पर *401# से शुरू होता है और उसके बाद एक मोबाइल नंबर होता है. टेलीकॉम यूजर्स ऐसे झांसे में आ जाते हैं और अगर वो ये कोड डायल कर देते हैं तो उनके मोबाइल फोन से बेरोकटोक कॉल फॉरवर्डिंग सक्रिय हो जाती है. इसके बाद उनके फोन पर आने वाली सभी कॉल धोखेबाज व्यक्ति के मोबाइल नंबर पर चली जाती हैं. इसके बाद ये साइबर क्रिमिनल सभी इनकमिंग कॉल हासिल कर लेते हैं और इसका इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए किया जा सकता है.
टेलीकॉम कस्टमर्स खुद भी रहें सावधान
डीओटी सक्रिय रूप से सभी कस्टमर्स को जानकारी देता रहा है और नियमित रूप से दोहराता आया है कि अपनी सुरक्षा कैसे करें. आप भी अपने मोबाइल फोन की सेटिंग की जांच करें. आप पता लगाएं कि कहीं कॉल फ़ॉरवर्डिंग चालू तो नहीं है और ऐसा होने पर तुरंत कॉल फारवर्डिंग को बंद करें. इस सुविधा का उपयोग केवल आवश्यकता होने पर ही करें.